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चार दिवसीय महापर्व छठ का दूसरा दिन, खरना आज

 नेम-निष्ठा और लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ बुधवार से नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है. महापर्व के दूसरे दिन यानी आज गुरुवार को खरना का अनुष्ठान होगा. व्रती दिनभर उपवास रखेंगी. सूर्यास्त के बाद भगवान की पूजा-अर्चना करेंगी. इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगी. चार दिनों तक चलनेवाले इस महापर्व को लेकर छठ घाटों की तैयारी अंतिम चरण में है. छठ गीतों से माहौल भक्तिमय है. राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने घाट पर जाकर छठ पूजा करने के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है. झारखंड में महापर्व छठ की गतिविधियों की जानकारी के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ.

छठ को लेकर बाजार सज गये हैं. नारियल से लेकर हर फल की संभावित बिक्री को लेकर चौक चौराहे तक दुकानें सज गयी हैं. शहर में फलों की दुकानों की संख्या पिछले चार दिनों मे दस गुना तक अधिक हो गयी है. पुराना बाजार व हीरापुर में छठ की खरीददारी को लेकर काफी अधिक भीड़ रही. इन दोनों बाजारों में कहीं ठेला, तो कहीं सड़क किनारे फलों की बिक्री हो रही है. नारियल, सेब, संतरा, ईख के अलावा पानीफल, डाब नींबू की दुकान सज गयी है. इनके साथ ही सूप और डाला की खरीदारी का काम अंतिम दौर में है.

व्रती और उनके परिवार के सदस्यों ने खरना के जरूरी सामान की खरीदारी की. लोगों ने अरवा चावल और गुड़ की खरीददारी की. इधर त्योहार को लेकर बरवाअड्डा स्थित कृषि बाजार समिति से लेकर हर छोटा बड़ा बाजार फलों की मंडी में तब्दील हो गया है.पारंपरिक गीत के साथ ही घर की महिलाओं ने गेहूं साफ कीं, वहीं पुरुष सूप दउरा, फल लाते दिखे. परिवार के सदस्यों के साथ ही आस पास वाले भी छठी मइया का काम हाथों हाथ ले रहे हैं. पूरा वातावरण छठ मय हो गया है. आज गुरुवार को खरना है.

छठ व्रतियों ने अपनी भक्ति उनके चरणों में समर्पित कर घर परिवार, बच्चे सबकी सलामती के लिए आशीष मांगा. नेम से मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जलायी गयी. आंच जलाने से पहले मां से आज्ञा मांगी गयी. कहीं कहीं गैस पर भी महाप्रसाद बनाया गया. मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी बनाकर भोग लगाया गया. भूल चूक की माफी मांगी कर व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया. उसके बाद ही परिवार सगे संबंधी को महाप्रसाद खिलाया गया.