इसरो (ISRO) के लिए आज एक और महत्वपूर्ण दिन है, जिसने अंतरिक्ष की दुनिया में कई सफलता के झंडे गाड़े हैं। जिसकी उल्टी गिनती अभी भी जारी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO एक बार फिर से अंतरिक्ष में अपना परचम लहराएगा। आज दोपहर इसरो का प्रक्षेपण यान PSLV-C49 10 उपग्रहों के साथ प्रक्षेपित किया जाएगा।
आज जो उपग्रह लॉन्च हो रहे हैं, उनमें भारत के अन्य 9 अंतरराष्ट्रीय विदेशी उपग्रह भी हैं। इनमें भारत का EOS-01 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट), लिथुआनिया का एक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर, लक्समबर्ग से चार समुद्री अनुप्रयोग उपग्रह और अमेरिका से चार लेमूर मल्टी मिशन रिमोट सेंसिंग उपग्रह शामिल हैं।
सभी उपग्रहों को लॉन्च करने की उलटी गिनती शुक्रवार दोपहर से शुरू हुई। 26 घंटे बाद, यानि शनिवार को अपराह्न 3.30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सभी उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित किया जाएगा। आज लॉन्च किया गया एकमात्र भारतीय उपग्रह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसरो के वैज्ञानिक आरसी कपूर ने कहा कि ईओएस -01 पृथ्वी अवलोकन रीसेट उपग्रहों की एक उन्नत श्रृंखला है। इसमें सिंथेटिक एपर्चर रडार लगाया गया है। जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है। इस उपग्रह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि पृथ्वी को बादलों के बीच भी देखा जा सकता है और साफ तस्वीरें ली जा सकती हैं। यह उपग्रह देश की सुरक्षा के लिए भी बहुत खास है। इससे हर समय देश की सीमाओं की निगरानी करना संभव हो जाएगा। साथ ही इसका उपयोग खेती और आपदा प्रबंधन के लिए किया जा सकता है।
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