भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत सभी खाद्य व्यापारियों को अब प्रशिक्षित फ़ूड सेफ्टी सुपरवाइजर का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। साथ ही एफएसएसएआइ का पंजीकरण कराना व लाइसेंस लेना अनिवार्य है। जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सुबीर रंजन ने बताया कि जितने भी खाद्य कारोबारी हैं, उनको फ़ूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि इसकी ट्रेनिंग झारखंड सरकार के द्वारा चिन्हित एजेंसी के माध्यम से कराया जाता है। उन्होंने बताया कि वैसे व्यापारी जिनकी सालाना खरीद बिक्री 12 लाख से अधिक है, उन्हें लाइसेंस लेना है। जबकि जिनका सालाना 12 लाख से कम का व्यापार होता है, वे सिर्फ रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत खाद्य व्यवसाय से जुड़े सभी व्यवसायी जैसे दूध, तेल, मांस, मछली, रेस्टोरेंट, स्ट्रीट फूड वेंडर, किराना दुकान इत्यादि दुकानदारों को रजिस्ट्रेशन करवा कर सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही साथ जिले के सभी मिठाई उत्पादकों एवं विक्रेताओं को डिब्बे में पैक्ड या खुली मिठाइयों को प्रदर्शित करने वाले ट्रे अथवा थाल पर बेस्ट बिफोर डेट, मिठाई का नाम, मूल्य, निर्माण तिथि लिखना जरूरी है। वहीं खाद्य तेल उत्पादक, थोक व खुदरा विक्रेताओं को सरसों के तेल में कोई अन्य तेल मिलाना निषेध है।
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सुबीर रंजन ने बताया कि खाद्य सुरक्षा पर्यवेक्षक की ट्रेनिंग इसी वर्ष फरवरी में कराई जा चुकी है। कोविड-19 की वजह से सर्टिफिकेट मुहैया नहीं कराया जा सका है। प्रशिक्षण लेनेवालों को जल्द ही सर्टिफिकेट मुहैया करा दिया जाएगा, जो कि ईमेल के माध्यम से मिल जाएगी। इससे लोगों को कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त फ़ूड सेफ्टी मित्र से भी खाद्य कारोबारी पंजीकरण करा सकते हैं। वहीं ट्रेनिंग फूड सेफ्टी मित्र से ले सकते हैं।
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