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अक्टूबर से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू जाएगा और 39 माह में भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने इस सम्बंध में जानकारी दी.
राम मंदिर 1000 वर्ष तक सुरक्षित रहे इसके लिए वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं. आईआईटी चेन्नई ने 60 मीटर गहराई से मिट्टी के सैंपल लिए हैं. मिट्टी के सैंपल से मिट्टी की ताकत को मापने का काम किया गया है. साथ ही भूकंप में भी राम मंदिर सुरक्षित रहे इसे लेकर CBRI स्टडी कर रहा है. जिसकी रिपोर्ट जल्द ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी जाएगी. IIT चेन्नई में इस पर भी रिसर्च हो रहा है कि राम मंदिर निर्माण में कौन से सीमेंट, पत्थर, गिट्टी और किस नदी के मौरंग का इस्तेमाल किया जाएगा. यह माना जा रहा है कि रॉबर्ट्सगंज, डाला और बुंदेलखंड की गिट्टी, बेतवा-केन नदी की मौरंग राम मंदिर निर्माण में प्रयोग के लिए अच्छी है. साथ ही मंदिर निर्माण में स्टैंडर्ड कंपनी के सीमेंट का इस्तेमाल किया जाएगा. चंपत राय ने बताया कि लार्सन एंड टूब्रो कंपनी के इंजीनियर्स के चर्चा की गई है कि कैसे राम घाट से एक बार में पत्थरों की शिफ्टिंग हो. साथ ही परिसर की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई है.
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