२९ अक्टूूबर २०२० ।
भारत को सऊदी अरब से मिला ऐसा ‘दिवाली गिफ्टÓ कि बढ़ जाएगी पाकिस्तान की टेंशन
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 21-22 नवंबर को सऊदी अरब ने जी -20 शिखर सम्मेलन के आयोजन की अपनी अध्यक्षता के लिए एक 20 रियाल का बैंकनोट जारी किया।
दीपावली आने में हालांकि अभी समय है लेकिन उससे पहले ही सऊदी अरब की तरफ से भारत को एक ऐसा दिवाली गिफ्ट मिला है जो पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा देगा। गौरतलब है कि बुधवार को पीओके कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से हटा दिया है। इसे लेकर उन्होंने एक फोटो शेयर की है, जिसका कैप्शन है कि ‘भारत के लिए सऊदी अरब का दिवाली गिफ्ट पाकिस्तान के नक्शे से गिलगित-बाल्टिस्तान और कश्मीर गायब।Ó
इस नोट पर सामने की तरफ सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज का फोटो और एक स्लोगन है। दूसरे हिस्से के मैप में जी-20 देशों को अलग-अलग रंगों में दिखाया गया है। इसमेे पीओके के अलावा गिलगित और बाल्तिस्तान को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बताया गया। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सऊदी अरब का कदम पाकिस्तान को अपमानित करने के प्रयास से कम नहीं है
सितंबर में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उन्होंने 15 नवंबर को होने वाले तथाकथित “गिलगित-बाल्टिस्तान” विधानसभा के चुनावों के बारे में रिपोर्ट देखी है और इस पर कड़ी आपत्ति ज़ाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान सरकार को भारत सरकार ने कड़ा विरोध जताया और दोहराया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, तथाकथित गिलगित और बाल्टिस्तान सहित भारत का एक अभिन्न हिस्सा हैं।
चीन की मदद से आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर में पुन: लागू कराने के कांग्रेस और फ ारूख अब्दुल्ला के हसीन सपने : कांग्रेस आर्टिकल ३७० को फिर से बहाल करने के लिये उठापटक कर रही है उसी के राग में राग मिलाकर प्रसिद्ध पत्रकार करण थापर द्वारा द वायर के लिये गये दिये गये एक साक्षात्कार में फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीरी भारतीय महसूस नहीं करते चीनी शासन पसंद करते हैं।
उसी साक्षात्कार के देशद्रोही बोल को आज फारूख अब्दुल्ला ने इंडिया टुडे को दिये गये साक्षात्कार में दोहराया है। इंडिया टुडे से एक बातचीत के दौरान कहा कि चीन ने कभी भी अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन नहीं किया है और हमें उम्मीद है कि इसे (आर्टिकल 370) को फिर से चीन की ही मदद से बहाल कराया जा सकेगा।
भारत को सऊदी अरब का ‘दिवाली गिफ्ट, गिलगित-बाल्टिस्तान और कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे से हटाया
24 अक्टूबर को, सऊदी अरब ने 21-22 नवंबर 2020 तक जी -20 शिखर सम्मेलन के आयोजन की अपनी अध्यक्षता के लिए एक 20 रियाल बैंकनोट जारी किया।
जारी बैंकनोट के पिछले भाग पर प्रदर्शित विश्व मानचित्र में गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) और कश्मीर को पाकिस्तान के कुछ हिस्सों के रूप में नहीं दिखाया गया है। कश्मीर का क्षेत्र पिछले 70 वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित . ।
इसका एक हिस्सा क्कश्य पाकिस्तान में है और दूसरा हिस्सा भारत के पास है, और दोनों देश 5 अगस्त 2019 से उबाल पर हैं, जब भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया, जिसने इसे विशेष दर्जा दिया, चीन भी इस प्रक्रिया में शामिल हो गया। ।
आधिकारिक केएसए स्टैंड के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान और ्यड्डह्यद्धद्वद्बह्म् अब स्वतंत्र राष्ट्र हैं। इस्लामिक किंगडम का यह कदम पाकिस्तान के चेहरे पर एक तमाचा है जिसने 5 अगस्त 2020 को देश का नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था और नई दिल्ली को इसे ‘राजनीतिक गैरबराबरीÓ करार दिया था।
सऊदी अरब की प्राथमिकताएँ स्पष्ट रूप से भारत के साथ हैं, क्योंकि 10 अगस्त, 2020 को इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के रिलायंस इंडस्ट्रीज में 15 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश करने के लिए राज्य की उम्मीद है। भारत में एक 60 बिलियन अमरीकी डालर की तेल रिफाइनरी में।
भारत की पाकिस्तान में आने वाली मेगा निवेश, पाकिस्तान को किसी भी वित्तीय सहायता को अस्वीकार करते हुए, निश्चित रूप से एक ‘डबल-दिवाली विस्फोटÓ से कम नहीं है, जिसका भारत युगों से इंतजार कर रहा होगा।
केएसए का कदम पाकिस्तान को अपमानित करने के प्रयास से कम नहीं है, जो अपने नए प्रहार के लिए भी अनुकूल है। नए विश्व व्यवस्था में, अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा है, जैसा कि भारत है, और केएसए अमेरिका को अंतत: चीन को शामिल करने में मदद करे
पाकिस्तान और कांग्रेस
टेंशन में
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 21-22 नवंबर को सऊदी अरब ने जी -20 शिखर सम्मेलन के आयोजन की अपनी अध्यक्षता के लिए एक 20 रियाल का बैंकनोट जारी किया। इस नोट को देख कर पढ़ कर पाकिस्तान और कांग्रेस पार्टी के होश उड़ जायेंगे
भारत अपने कार्यबल के साथ वैक्यूम को बदलने के लिए पहले से ही काफी तैयार है। इस प्रकार, केएसए, इजरायल और भारत के आने वाले दिनों में खाड़ी क्षेत्र में एक ‘बहारÓ होने की संभावना है।
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