अमेरिका के पॉल आर मिल्ग्रॉम और रॉबर्ट बी विल्सन को ऑक्शन थ्योरी में सुधार के लिये अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. यह घोषणा ऐसे वक्त हुई, जब कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के चलते दुनिया द्वितीय विश्व युद्ध के बाद मंदी के सबसे बुरे दौर का अनुभव कर रही है. इस पुरस्कार की घोषणा के साथ ही नोबेल परस्कार सप्ताह का समापन हो गया.
पिछले साल वैश्विक गरीबी दूर करने की दिशा में शोध के लिये यह पुरस्कार मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दो शोधकर्ताओं और हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता को दिया गया था. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत एक करोड़ क्रोना (करीब 11 लाख अमेरिकी डॉलर) की रकम प्रदान की जाती है.
तकनीकी रूप से इसे स्वीरिजेज रिक्सबैंक प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ अल्फ्रेड नोबेल के तौर पर जाना जाता है. इस पुरस्कार की स्थापना 1969 में की गई थी और तब से इसे 51 बार दिया जा चुका है और इसे नोबेल पुरस्कारों में से एक माना जाता है.
More Stories
लाइव अपडेट | लातूर शहर चुनाव परिणाम 2024: भाजपा बनाम कांग्रेस के लिए वोटों की गिनती शुरू |
भारतीय सेना ने पुंछ के ऐतिहासिक लिंक-अप की 77वीं वर्षगांठ मनाई
यूपी क्राइम: टीचर पति के मोबाइल पर मिली गर्ल की न्यूड तस्वीर, पत्नी ने कमरे में रखा पत्थर के साथ पकड़ा; तेज़ हुआ मौसम