यूपी के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े 4000 से अधिक फार्मासिस्टों के पदों को सरकार शीघ्र ही भरने जा रही है. विभाग में कुल 11,896 स्वीकृत पदों में से इस समय 4,000 से अधिक पद रिक्त हैं. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फील्ड में फार्मासिस्टों के कुछ और पद खाली पड़े हैं, जिसका ब्योरा मंगाया जा रहा है. इसके बाद सभी रिक्त पदों का संकलन किया जाएगा और इसके पूरा होते ही नियुक्ति सम्बन्धी प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी.
डिप्लोमा फार्मासिस्ट (राजपत्रित) अधिकारी एसोसिएशन के प्रान्तीय महामंत्री अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि शासन के वित्त विभाग के अनुसार प्रदेश में फार्मासिस्टों के करीब 12000 पद सृजित हैं, परन्तु स्वास्थ्य महानिदेशालय व जिलों में तैनात मुख्य चिकित्साधिकारियों को इन पदों की वस्तुस्थिति (रिएलोकेशन) की जानकारी न होने के कारण अलग से करीब 3000 पदों पर भ्रम की स्थिति कई वर्षों से बनी हुई है.
विभाग में मूल पद फार्मासिस्ट के बाद सभी पद मसलन चीफ फार्मासिस्ट, प्रभारी अधिकारी (फार्मेसी), विशेष कार्याधिकारी (फार्मेसी) तथा संयुक्त निदेशक (फार्मेसी) के पद शत-प्रतिशत पदोन्नति के हैं. फार्मासिस्ट के ठीक ऊपर चीफ फार्मासिस्ट है और प्रदेश में इस समय चीफ फार्मासिस्ट के 650 पद खाली पड़े हैं.
इसी तरह प्रभारी अधिकारी के 70 पद रिक्त पड़े हैं. अगर इन दोनों पदों पर अर्ह फार्मासिस्टों को प्रोन्नत कर दिया जाए तो करीब 750 पद और रिक्त हो जाएंगे, जिसे जोड़कर सरकार करीब 5000 फार्मासिस्टों की नियुक्तियां कर सकती है लेकिन रिक्त पदों पर पदोन्नति नहीं हो रही है. नतीजा सीधी भर्ती के मूल पद पर नियुक्तियां अवरुद्ध हैं. अब सरकार ने नई पहल के तहत मूल पद पर नियुक्तियां शुरू करने की कवायद प्रारम्भ की है तो संवर्ग के बाकि बचे पदों का संकलन भी शीघ्र पूरा हो जाएगा.
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