हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने अपने राज्य से बाहर के किसानों का भी धान खरीदने की अनुमति दे दी है. यानी यानी यहांं की मंडियों मेंं अब यूपी, राजस्थान और दिल्ली के किसान भी अपनी फसल सरकारी रेट पर बेच सकते हैं. इसके लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन खोल दिया गया है. इसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही हरियाणा के किसान भी अपनी फसल बेच पाते हैं.
पिछले दिनों यूपी के कुछ किसानों (Farmers) को हरियाणा की करनाल मंडी में जाने से रोक दिया गया था. इसके बाद विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया था कि जब मोदी जी ने किसानों को आजादी दे दी तो मनोहरलाल जी उस आजादी को छीन क्यों रहे हैं? समझा जाता है कि फजीहत से बचने के लिए हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है. हरियाणा सरकार के अधिकारियों का कहना है कि यह यह निर्णय राज्य की विभिन्न मंडियों के आढ़तियों और प्रदेश से बाहर के किसानों की मांग के चलते लिया गया है. इससे धान खरीद (Paddy procurement) सीजन के दौरान दूसरे राज्यों के किसानों को अपनी फसल बेचने में मदद मिलेगी .हरियाणा और पंजाब में ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सबसे अधिक खरीद होती है. ऐसे में अब कम से कम यूपी के किसान यहां आसानी से अपनी उपज बेचकर चले जाएंगे. एफसीआई (FCI) के आंकड़ों के मुताबिक धान खरीद की बात करें तो 2019-20 में यहां 64.23 लाख मिट्रिक टन की खरीद हुई. अब दूसरे राज्यों से धान आना शुरू होगा तो सरकार को पहले से अधिक खरीद करनी पड़ेगी. जिसका भार यहां के रेवून्यू पर पड़ेगा.
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