कोरोना के बढ़ते मामलों की संख्या अब देश में 67 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं मरने वालों की संख्या अब एक लाख के पार है। फिलहाल दुनिया में भारत कोरोना के मामलों में दूसरे नंबर पर है। जहां कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर पूरी दुनिया में भारत सुर्खियां बटोर रहा है वहीं भारत के वैज्ञानिक कोरोना की जांच करने के तरीकों को लेकर पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके हैं। गौरतलब है कि भारत में वैज्ञानिकों की एक टीम ने कोरोनावायरस (Corona virus) की गंभीरता को देखते हुए एक मामूली कागज पर आधारित परीक्षण (Paper Based Test for Corona virus) प्रणाली को विकसित किया है। इसको लेकर पूरी दुनिया में भारतीय वैज्ञानिकों की काफी चर्चा है। ये प्रणाली गर्भावस्था के परीक्षण के समान तेजी से परिणाम देने में सक्षम है। बता दें कि मशहूर भारतीय जासूस क्रिस्पर के नाम पर बनी यह परीक्षण प्रणाली जीन-संपादन ( Gene-editing) तकनीक पर आधारित है। वैज्ञानिकों ने इस फेलूदा किट (Feluda Kit) भी कहा है। वहीं अगर इस टेस्ट प्रणाली की लागत और समय की बात करें तो मरीज की रिपोर्ट महज एक घंटे के अंदर आ जाएगी और इसकी लागत केवल 500 रुपये है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस किट के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ की है। इस किट को लेकर जानकारी सामने आई है कि, इसे भारतीय समूह टाटा द्वारा बनाया जाएगा और यह दुनिया का पहला पेपर-बेस्ड कोविड-19 टेस्ट होगा जो जल्द ही बाजारों में उपलब्ध होगा।
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