रेलवे स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। अच्छी खबर यह है कि लोग बसों की तुलना में रेलवे को पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यहां कोरोना महामारी से बचाव के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। अभी जिन स्पेशल ट्रेनों को क्लोन ट्रेन का नाम देकर पटरी पर उतारा गया है, उनका किराया भले ही सामान्य ट्रेन से अधिक है, लेकिन इनमें भी वेटिंग का आंकड़ा 350 पार पहुंच गया है। 100 फीसदी यात्री ट्रेनों में सफर कर रहे हैं। बस पहले की तुलना में अब ट्रेनों में वेटिग टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल आदि राज्यों से ट्रेन फुल हो जाने के कारण यात्रियों को कंफर्म टिकट भी नसीब नहीं हो पा रही। पढ़िए अंबाला से दीपक बहल की रिपोर्ट
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, Unlock-4 के बाद रेलगाड़ियां पटरी पर दौड़ने लगी हैं तो उनमें सफर करने वालों का आंकड़ा भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। इंडियन रेलवे कैटरिग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (IRCTC) की वेबसाइट पर अब रोजाना टिकट बुक करने का आंकड़ा करीब चार लाख तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में औसतन सवा 8 लाख यात्री टिकट बुक कराते थे। हालांकि रेल मंत्रालय ने अभी सभी ट्रेनों को नियमित रूप से पटरी पर नहीं उतारा है।
बिहार से बेंगलुरु जाने वाली ट्रेन संख्या 06510 की बात करें तो स्लीपर क्लास में वेटिंग भी नहीं मिल रहा। ट्रेन में नो रूम हो चुका है, जबकि थर्ड एसी में 165 वेटिंग है। इसी प्रकार सहरसा (बिहार) से नई दिल्ली आने वाली ट्रेन संख्या 02563 में थर्ड एसी में 62, स्लीपर में 58 वेटिंग है। वहीं दरभंगा से नई दिल्ली आने वाली ट्रेन संख्या 02569 थर्ड एसी क्लास में 32 और स्लीपर में 63 वेटिंग है।
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