केंद्र सरकार ने आज सुनवाई के दौरान कोर्ट से समय मांगा है. केंद्र सरकार ने कहा की वह इस मामले में आरबीआई से बातचीत कर रही है कोर्ट ने केंद्र सरकार एफिडेविट रखने के लिए केंद्र को 1 अक्टूबर तक का समय दिया है.सरकार का कहना है कि स्थगन की अवधि के ब्याज, जो चक्रवृद्धि के तौर पर है, को स्थगित करने से बैंको को भारी नुकसान होगा और कई बैंक बैठ जाएंगे. साथ ही जो लोग चक्रवृद्धि ब्याज दे चुके हैं उनको नुकसान होगा. सरकार कई बार इस पूरे मामले में आरबीआई को आगे करके अपना पल्ला झड़ती भी नजर आई है.सरकार और आरबीआई की तरफ से दलील रखते हुए 10 सितंबर को तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा था कि ब्याज पर छूट नहीं दे सकते हैं, लेकिन भुगतान का दबाव कम कर देंगे. मेहता ने कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ है सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक सरकार ठोस प्लानिंग नहीं बताती, तब तक यानी 31 अगस्त तक लोन डिफॉल्टरों को एनपीए घोषित ना करने का अंतरिम आदेश जारी रहेगा.
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