याद दिलाओं उन्हें पुष्प की अभिलाषा ये कैसा किसान आंदोलन जिसने रोका जवान? प्रदर्शनकारियों ने रोका लद्दाख सीमा जा रहे सैनिकों का रास्ता – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

याद दिलाओं उन्हें पुष्प की अभिलाषा ये कैसा किसान आंदोलन जिसने रोका जवान? प्रदर्शनकारियों ने रोका लद्दाख सीमा जा रहे सैनिकों का रास्ता

किसान बिल के विरोध में अबाला में किसानों ने चक्काजाम कर दिया, जिसकी वजह से लद्दाख जा रहा भारतीय सेना का काफिला घंटों फंसा रहा।

किसान संगठनों ने अबाला में दिल्ली-अमृतसर हाइवे को बंद कर दिया और चारों तरफ से रोड को छापकर बैठ गये, सेना की गाडिय़ों को भी रोकने से परहेज नहीं किया, तस्वीर सामने आने के बाद लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

अगर ये असली किसान होते तो सेना की गाडिय़ों को तो कभी नहीं रोकते, अपने आप को किसान बताने वाले इन लोगों ने सेना के काफिले को भी छोड़ा नहीं, कई घंटे रुकने को मजबूर कर दिया, सेना का वो काफिला जो लद्दाख जा रहा था, देश की रक्षा करने के लिए जा रहा

था, फिर भी इन कथित किसानों ने रोककर रखा। मेजर सुरेंद्र पुनिया ने अपने ट्वीट में लिखा, राहुल

जी के शिष्य आंदोलनकारियों ने किसान आंदोलन के नाम पर लद्दाख़ जाने वाली भारतीय सेना की गाडिय़ों को सड़क पर रोका। भाई,,भारत की सेना से इतनी ही दिक़्क़त है तो सीधे चीन की ओर से ही लड़ ले ना.

पुनिया ने आगे लिखा, ये किसान हो ही नहीं सकते..किसान और जवान हमेशा एक-दूसरे के लिये

जान देते हैं ! उक्त आंदोलन कर रहे किसानों को माखनलाल चतुर्वेदी जी द्वारा रचित देशभक्त और ओजपूर्ण. कविता

‘पुष्प की अभिलाषाÓ याद रखना चाहिये:

पुष्प की अभिलाषा चाह नहीं, मैं सुरबाला के

गहनों में गूँथा जाऊँ,

चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध

ह्रश्वयारी को ललचाऊँ,

चाह नहीं सम्राटों के शव पर

हे हरि डाला जाऊँ,

चाह नहीं देवों के सिर पर

चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,

मुझे तोड़ लेना बनमाली,

उस पथ पर देना तुम फेंक!

मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,

जिस पथ पर जावें वीर अनेक!