Meerut के लोगों के लिए यह गर्मी सिर्फ मौसम की नहीं, बल्कि ट्रैफिक की तपिश भी लेकर आई है। शहर की प्रमुख सड़कों में शुमार गढ़ रोड अब आम जनता के लिए दो महीने के लिए बंद कर दी गई है। तेजगढ़ी से लेकर सोहराब गेट बस अड्डे तक का यह मार्ग रविवार देर रात से आमजन के लिए सील कर दिया गया। वजह? आबू नाले पर दो नई पुलियाओं का निर्माण कार्य!
पुलिया निर्माण से बढ़ा शहर का ट्रैफिक तापमान
नगर निगम की ओर से गढ़ रोड पर पुलिया निर्माण का कार्य तेज़ी से शुरू कर दिया गया है। तेजगढ़ी के पास पहले से मौजूद पुरानी पुलिया को JCB मशीन से पूरी तरह से तोड़ दिया गया है। इस वजह से पूरी सड़क की खुदाई की जा चुकी है, जिससे इस मार्ग पर अब गाड़ियों का चलना असंभव हो गया है।
जैसे ही रविवार रात निर्माण कार्य की शुरुआत हुई, सोहराब गेट अड्डे से तेजगढ़ी तक का पूरा इलाका वाहनों की चिल्ल-पों से खाली हो गया, लेकिन आसपास के इलाकों में ट्रैफिक का दबाव अचानक बढ़ गया।
बिजली बंबा बाईपास पर भारी वाहनों की एंट्री बंद
गढ़ रोड पर चल रहे निर्माण कार्य की मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होतीं। इसके साथ ही एक और बड़ा फैसला लिया गया है—बिजली बंबा बाईपास पर रात के समय भारी वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। यह फैसला यातायात को संतुलित करने और अन्य मार्गों पर ट्रैफिक का लोड न बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक, अब भारी वाहन बिजली बंबा बाईपास से नहीं गुजर सकेंगे। इससे न केवल ट्रांसपोर्टर्स को असुविधा हो रही है, बल्कि आवश्यक सामग्रियों की डिलीवरी भी प्रभावित हो रही है।
लोगों की प्रतिक्रिया: “किसी को हमारी परवाह नहीं!”
स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों का कहना है कि उन्हें इस फैसले की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई।
“रविवार की रात अचानक सड़क पर जेसीबी आई और खुदाई शुरू हो गई। कोई चेतावनी नहीं, कोई वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था नहीं,” – राजेश वर्मा, तेजगढ़ी निवासी
“गढ़ रोड मेरठ की लाइफलाइन है। इसे अचानक बंद कर देना जनता के साथ अन्याय है,” – रीता यादव, कॉलेज स्टूडेंट
वैकल्पिक मार्ग और प्रशासन की अपील
यातायात विभाग ने जनता से अपील की है कि वे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें, जैसे कि:
दिलकश बाईपास रोड
साकेत कॉलोनी होकर निकास
ज्वाला नगर की ओर से डाइवर्जन
हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि इन वैकल्पिक मार्गों पर पहले से ही जाम की स्थिति बनी हुई है।
व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट यूनियनों में हड़कंप
गढ़ रोड बंद होने से सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारिक वर्ग और ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को हो रहा है। इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ियां व्यापारिक माल लेकर गुजरती थीं। अब इन्हें लंबा रूट अपनाना पड़ रहा है जिससे न केवल समय बल्कि ईंधन की लागत भी बढ़ गई है।
“हमने प्रशासन से मांग की है कि रात के समय कुछ घंटों के लिए मार्ग खोला जाए ताकि डिलीवरी प्रभावित न हो,” – विकास शर्मा, ट्रांसपोर्ट यूनियन महासचिव
कब तक चलेगा निर्माण कार्य?
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह निर्माण कार्य 60 दिनों में पूरा किया जाना है, लेकिन भारत में समयसीमा पर काम पूरा होना खुद में चमत्कार होता है। यदि बारिश ने दस्तक दी या तकनीकी बाधाएं आईं, तो यह अवधि और बढ़ सकती है।
मेरठ की पक्की सड़कों का ‘कच्चा’ हाल
यह पहली बार नहीं है जब मेरठ की प्रमुख सड़कें इस तरह से बंद की गई हों। इससे पहले भी हापुड़ रोड, दिल्ली रोड, और परतापुर रोड पर निर्माण कार्यों के चलते शहरवासियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा था।
शहर की इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाओं में योजनाबद्धता की कमी को लेकर लोग अक्सर सवाल उठाते हैं।
सोशल मीडिया पर जनता का फूटा गुस्सा
जैसे ही खबर फैली, #GarhRoadClosed और #MeerutTrafficJam ट्रेंड करने लगे। ट्विटर और फेसबुक पर लोगों ने प्रशासन की आलोचना करते हुए मीम्स और पोस्ट्स की बाढ़ ला दी।