पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे लगातार अत्याचार, हत्याएं, और बहन-बेटियों की अस्मिता पर हो रहे हमलों को लेकर देशभर में रोष की लहर तेज होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जिले से हिंदू संगठनों का ऐसा तीव्र और सुनियोजित विरोध देखने को मिला, जिसने पूरे शहर का माहौल गरमा दिया।
विश्व हिंदू परिषद (लक्ष्मीनगर) के आह्वान पर आर्य समाज रोड स्थित मंदिर से शुरू हुआ विरोध मार्च देखते ही देखते एक विराट आंदोलन का रूप ले चुका था। बघरा स्थित योग साधना आश्रम के पूज्य महंत स्वामी यशवीर जी महाराज के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर प्रशासन तक पहुंचे और महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
जनाक्रोश का दृश्य: जब आर्य समाज रोड बना रणभूमि
आर्य समाज मंदिर के प्रांगण में आज सुबह से ही हलचल शुरू हो गई थी। हाथों में बैनर, पोस्टर, और गले में भगवा अंगवस्त्र लिए युवाओं से लेकर वृद्ध तक एकजुट दिखाई दिए। “हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो”, “ममता हटाओ – भारत बचाओ”, “सनातन धर्म की जय” जैसे नारे शहर की सड़कों पर गूंजने लगे।
इस मौके पर स्वामी यशवीर जी महाराज ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से जनसमूह को प्रेरित करते हुए कहा,
“अब समय आ गया है कि हिंदू समाज को जात-पांत, ऊंच-नीच, छोटे-बड़े के भेदभाव से ऊपर उठकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा।”
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार में हिंदुओं के खिलाफ षड्यंत्र चल रहा है। “हर दिन हिंदू मारे जा रहे हैं, बहन-बेटियों की इज्जत तार-तार हो रही है, और सरकार मौन बैठी है।”
पश्चिम बंगाल की भयावह तस्वीर: हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर सवाल
पश्चिम बंगाल से लगातार आ रही खबरें न केवल चिंताजनक हैं बल्कि भारत के लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरनाक संकेत देती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते कुछ महीनों में बंगाल के कई जिलों में हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या, महिलाओं के साथ सामूहिक अत्याचार और मंदिरों पर हमले जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
यही नहीं, धार्मिक जुलूसों पर पथराव, मंदिरों में तोड़फोड़, और कथित रूप से प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करना—यह सब हिंदू समाज को आक्रोशित कर रहा है।
“ममता बानो की सरकार में हिंदू असुरक्षित”: स्वामी यशवीर जी महाराज का तीखा बयान
स्वामी यशवीर जी ने ममता बनर्जी को “ममता बानो” कहकर संबोधित किया और कहा कि उनकी सरकार में केवल एक धर्म विशेष को संरक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने अब भी आंखें नहीं खोलीं, तो यह आग पूरे देश में फैल सकती है।
“हिंदू अब सहन नहीं करेगा, अब विरोध होगा और निर्णायक होगा।”
राष्ट्रपति शासन की मांग: कलेक्ट्रेट परिसर में गरजी आवाज़ें
जुलूस आर्य समाज मंदिर से निकलकर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा। वहां प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में लिखा गया कि पश्चिम बंगाल में संविधान व्यवस्था चरमरा चुकी है और वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए ताकि आम नागरिकों, खासकर हिंदू समुदाय को सुरक्षा मिल सके।
ज्ञापन सौंपते वक्त कार्यकर्ताओं ने “ममता हटाओ – संविधान बचाओ”, “भारत माता की जय”, “जय श्रीराम” जैसे नारों से प्रशासनिक भवन को गुंजायमान कर दिया।
सनातन धर्म के लिए बिगुल: संगठनात्मक एकजुटता की मिसाल
यह आंदोलन केवल विरोध का प्रतीक नहीं था, बल्कि हिंदू संगठनों की एकजुटता और संगठित शक्ति का प्रदर्शन भी था। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, अखिल भारतीय सनातन सेवा संघ, श्रीराम दल, और कई स्थानीय संगठनों के कार्यकर्ता एकजुट होकर एक स्वर में बोले –
“सनातन धर्म की रक्षा अब प्राथमिक कर्तव्य है!”
आगे की योजना: देशभर में उबाल लाने की तैयारी
स्वामी यशवीर जी महाराज ने यह भी संकेत दिए कि यदि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं मानी गई, तो यह आंदोलन केवल मुजफ्फरनगर में ही नहीं रुकेगा।
दिल्ली, लखनऊ, भोपाल, और अन्य बड़े शहरों में भी हिंदू संगठन सड़कों पर उतरेंगे।
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अगली बार देश की राजधानी में रामलीला मैदान या जंतर मंतर पर “हिंदू अधिकार महाकुंभ” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों की संख्या में लोग जुटेंगे।
चेतावनी!
पश्चिम बंगाल की घटनाएं अब एक राज्य का मुद्दा नहीं रह गईं हैं, यह राष्ट्रीय चिंता बन चुकी है। और जिस तरह आज मुजफ्फरनगर से आवाज़ उठी है, वह भविष्य के लिए एक संकेत है —
“अब हिंदू समाज जाग चुका है, और वह अब चुप नहीं बैठेगा!”