कुंडहित. प्रखंड के बाबूपुर पंचायत अंतर्गत.पाथरचुड़ गांव में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को वृंदावन धाम के श्रीमद्भागवत कथावाचक सुबल कृष्ण महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के माखन चोरी लीला एवं गोचारण लीला का मधुर वर्णन किया. कहा भगवान का दो नाम है एक आत्माराम और दूसरा आत्माकाम. जो आत्मा के साथ राधा रानी संग बिहार करते हैं. उसमें भगवान को सुख मिलता है, दूसरा आत्माकाम लोग भगवान की कथा सुनकर प्रसन्न होते हुए महसूस करते हैं जो हमारे दिल में उतरते हैं. महाराज ने कहा भगवान का पांच रूप देख सकते हैं. पहले विग्रह, दूसरा भागवत स्वरूप, तीसरा नाम रुप, चौथा गुरु पंचम भगवान का धाम. यह धरती भगवान ने बनाया है. भगवान की कथा चर्चा करने से जगत का कल्याण होता है. संसार में सभी मनुष्य एवं जीव सभी के अंदर भगवान निवास करते हैं. संसार में जितने भी देवता हैं, भगवान श्रीकृष्ण सभी का मुख्य स्रोत है. जब भगवान लीला करते हैं तो ब्रह्मा, इंद्र, चंद्र, वरुण चक्कर खा जाते हैं. माखन चोरी लीला के प्रसंग में महाराज ने कहा सारे गोपीयों ने भगवान श्रीकृष्ण को दर्शन करने चाहते थे. इसलिए भगवान ने माखन चोरी लीला के माध्यम से सभी गोपियों के घर जाकर स्वयं भगवान गोपियों को दर्शन दिए. भक्तों का भाव अगर सच्चा हो तो भगवान स्वयं आकर भक्तों को दर्शन देते हैं. जहां भाव रहता है वहां प्रकट होकर भगवान सभी को दर्शन देते हैं. गोपियां तो संत है, जो पूर्व जन्म में बड़े-बड़े तपस्या कर भगवान को प्राप्त करना चाहते थे. स्वयं भगवान कृष्ण गिरि गोवर्धन धारण कर ब्रज मंडल को रक्षा किया था. भगवान की लीला में अनंत प्रकार का भाव है और इस भाव को हमारे जीवन में धारण करते हुए भजन एवं भगवान के रास्ते चलना चाहिए, तभी सारे जगत का कल्याण होगा.
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