राजस्थान पोस्ट। राजकुमार शर्मा
गेम ऑफ थ्रोन्स में दिखाई गई ‘डायर वुल्फ’ प्रजाति के तीन शावकों ने लिया जन्म
अमेरिका की डलास स्थित बायोटेक कंपनी कोलॉसल बायोसाइंसेज (Colossal Biosciences) ने विज्ञान की दुनिया में एक बड़ा चमत्कार कर दिखाया है। इस कंपनी ने 12500 साल पहले विलुप्त हो चुकी भेड़िए की एक प्रजाति ‘डायर वुल्फ’ को दोबारा जीवित करने में सफलता पाई है।
डायर वुल्फ, जिसे गेम ऑफ थ्रोन्स जैसे लोकप्रिय टीवी शो में दिखाया गया था, अब फिर से धरती पर मौजूद है। वैज्ञानिकों ने इस प्रजाति के तीन शावकों को जन्म दिलाया है — जिनमें से दो मेल (नर) हैं, जिनका नाम रीमस (Remus) और रोमुलस (Romulus) रखा गया है, जबकि एक फीमेल (मादा) है, जिसका नाम खलीसी (Khaleesi) रखा गया है।
कैसे हुआ यह संभव?
कोलॉसल बायोसाइंसेज ने जेनेटिक इंजीनियरिंग और डीएनए क्लोनिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डायर वुल्फ के प्राचीन डीएनए को आधुनिक भेड़ियों के डीएनए के साथ मिलाया। इस प्रक्रिया में वैज्ञानिकों को सालों की रिसर्च और अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेना पड़ा।
क्या है डायर वुल्फ?
डायर वुल्फ (Dire Wolf) आज से हजारों साल पहले उत्तरी अमेरिका में पाया जाने वाला एक विशालकाय भेड़िया था। यह आकार में आम भेड़ियों से काफी बड़ा और ताकतवर होता था। वैज्ञानिकों के अनुसार, ये जानवर अंतिम हिमयुग के दौरान विलुप्त हो गए थे।
गेम ऑफ थ्रोन्स में डायर वुल्फ को ‘हाउस स्टार्क’ का प्रतीक बताया गया था और दर्शकों ने इन्हें बहुत पसंद किया था।
अब आगे क्या?
कोलॉसल बायोसाइंसेज के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शुरुआत भर है। उनका उद्देश्य न केवल विलुप्त प्रजातियों को फिर से जीवित करना है, बल्कि धरती के पारिस्थितिक तंत्र (इकोसिस्टम) को संतुलित करना भी है।
हालांकि, इस तकनीक को लेकर नैतिक और पर्यावरणीय सवाल भी उठाए जा रहे हैं। क्या इंसानों को extinct जानवरों को फिर से ज़िंदा करने का अधिकार है? और क्या इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ेगा? इन सवालों पर बहस जारी है।