Deoghar Ki Holi: ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में होली पर्व पर हरि-हर मिलन की अनूठी परंपरा निभायी गयी. हरि-हर मिलन से पहले गुरुवार की शाम 4:40 बजे सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा ने बाबा बैद्यनाथ पर मलमल के कपड़े से छानकर गुलाल अर्पित की. इसके साथ ही बाबा नगरी में होली की शुरुआत हो गयी. शाम को बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन स्थित राधा-कृष्ण मंदिर से राधा कृष्ण की प्रतिमा को पालकी पर बिठाकर बाबा मंदिर की परिक्रमा करके नगर भ्रमण करते हुए आजाद चौक स्थित दोल मंच पर लाया गया.
श्रद्धालुओं ने राधा-कृष्ण को झुलाया, अबीर-गुलाल अर्पित किये
इस दौरान चौक-चौराहों पर मालपुआ का भोग भक्तों के बीच बांटा गया. ढोल नगाड़ा बजाते भक्त ‘जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी…’ के नारे लगा रहे थे. पालकी को आगे बाबा झा एवं मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त और भंडारी लेकर जा रहे थे. फगडोल पर राधा-कृष्ण की मूर्ति को झूले पर बिठाते ही श्रद्धालुओं ने राधा-कृष्ण का झूला झुलाया और अबीर-गुलाल अर्पित किये.
होलिका दहन के बाद राधा-कृष्ण को लाया गया बाबा मंदिर
देर रात शुभ मुहूर्त 10 बजे से रात 10:50 तक होलिका की विशेष पूजा की गयी. पुजारी आचार्य की ओर से आहुति दी गयी. होलिका दहन के बाद आजाद चौक से पालकी में बिठाकर राधा-कृष्ण की मूर्ति को दोबारा बाबा मंदिर लाया गया. यहां पर पुजारी दुर्गा प्रसाद ने पूजा के बाद विधिवत होलिका दहन किया. मंदिर पहुंचने के बाद पालकी से उतारकर राधा रानी को प्रशासनिक भवन स्थित राधा कृष्ण मंदिर में स्थापित किया गया.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
रात को 11:30 बजे बाबा मंदिर पहुंचे श्री हरि, हुआ हरि-हर मिलन
श्री हरि को डोली से उतारकर तय शुभ मुहूर्त रात के 11:30 बजे सीधे बाबा मंदिर के गर्भ गृह में ले जाया गया. यहां पर बाबा बैद्यनाथ पर उन्हें रखकर हरि-हर मिलन की परंपरा निभायी गयी. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अबीर-गुलाल चढ़कर होली का शुभारंभ किया. शास्त्रों के अनुसार, फालगुन पूर्णिमा के ही के दिन भगवान विष्णु ने बाबा बैजनाथ की स्थापना की थी. इस परंपरा को कायम रखने के लिए हरि और हर का मिलन यहां पर कराया जाता है.
हरि-हर मिलन में खूब लगे जयकारे
श्री हरि के फगडोल से निकलने की सूचना प्राप्त होते ही बाबा मंदिर के गर्भ गृह में लोग जमा हो गये. इस दौरान यहां लोग हरि और हर के मिलन को देखकर गुलाल अर्पित करने के लिए खड़े थे. जैसे ही पुजारी हरि को लेकर गर्भ गृह में गये और हरि की प्रतिमा को शिवलिंग पर रखा, लोग आपस में जोर आजमाइश करने लगे. सररररर…. गाने लगे. गुलाल उड़ाने लगे. ये मिलन करीब 2 मिनट तक हुआ. उसके बाद पुन: भगवान को उनके मंदिर में रखा गया. इसके बाद बाबा की शृंगार पूजा करके मंदिर के पट को बंद कर दिया गया.
शुक्रवार को देवघर में मनायी जायेगी रंगों की होली
शुक्रवार को बाबा नगरी में पक्के रंग की होली खोली जायेगी. लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई देंगे, लेकिन चली आ रही परंपरा के अनुसार यहां शनिवार को भी होली होगी. इस होली को लोग बासी होली कहते हैं.
इसे भी पढ़ें
Video: दोले तू दोल गोविंदम… से गूंजा सरायकेला, भक्तों संग राधा-कृष्ण ने खेली होली
झारखंड का तापमान 39 डिग्री के पार, और चढ़ेगा पारा, 4 दिन तक Heat Wave का अलर्ट
Video: झारखंड के साइंटिस्ट की मोहाली में मौत, क्या हुआ था उस रात, CCTV के फुटेज में देखें
Holi 2025: खास है सरायकेला की होली, भक्तों संग रंग-गुलाल खेलने घर-घर दस्तक देते हैं राधा-कृष्ण
13 मार्च को कहां है सबसे सस्ता सिलेंडर, आपके यहां कितना है 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर का दाम, यहां देखें