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छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का चुनाव : विरोध पत्र कितने सही?
छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव में रोमांच बढ़ता जा रहा है प्रदेश के कुछ व्यापारी संगठन संविधान में संशोधन की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं ऐसे व्यापारी संघ के पदाधिकारी का कहना है कि प्रदेश के किसी भी शहर का मतदाता अध्यक्ष महामंत्री और कोषाध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए पत्र होना चाहिए अब सवाल यह उठता है कि जो व्यापारी संगठन अध्यक्ष महामंत्री और कोषाध्यक्ष चुनाव में प्रदेश के सभी सदस्यों की पात्रता की मांग कर रहे हैं इन सभी ने यह मुद्दा चुनाव की घोषणा होने से पहले क्यों नहीं उठाया और अब अगर उठाया भी है तो गिनती के चर्चे व्यापारी संघ ही अब तक सामने आए हैं इनमें भी जिन व्यापारी संगठनों के मुख्यमंत्री को लिखे विरोध पत्र सामने आए हैं वह सभी पत्र छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव के संविधान में संशोधन के विरोध में गंभीर नजर नहीं आ रहे क्योंकि धमतरी चेंबर ऑफ कॉमर्स का पत्र ही एकमात्र पूरे व्यापारी संघ का पात्र है बाकी चेंबर के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील सोनी एवं छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज रायगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील रामदास अग्रवाल का पत्र उनका व्यक्तिगत है इसके अलावा छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने विगत दिनों रायपुर में पत्रकार वार्ता लेकर संविधान संशोधन सहित राजधानी के ही अध्यक्ष महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष पदों का विरोध किया था उन्होंने भी इसके लिए प्रदेश के सभी मतदाताओं की पात्रता की बात की थी
प्रदेश के 91 व्यापारी संघ छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य हैं जिनमें कुल 273 मतदाता है परंतु इन 91 व्यापारी संगठनों में से यदि चार या छे व्यापारी संघ अध्यक्ष महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशी बनने के लिए पूरे प्रदेश के व्यापारियों की पात्रता की मांग करते हैं तो यह विरोध चैंबर चुनाव में कोई असर डाल पाएगा ऐसा नजर नहीं आता क्योंकि हमारे पास जिन व्यापारी सांडों एवं चेंबर के मतदाताओं के पात्र हैं उनमें जो मजमून लिखा है वह अपने आप में ही विरोध का कारण स्पष्ट नहीं करताऐसा प्रतीत होता है कि कानूनी ज्ञान लिए बिना ही किसी व्यापारी द्वारा 46 लाइनों में मुख्यमंत्री के नाम से विरोध पत्र लिखकर सभी के लेटर पैड में एक जैसा टाइप करवा कर साइन करवा लिया गया हो और संबंधित व्यापारी संघ के पदाधिकारी को इसकी जानकारी भी ना हो बाहर विरोध का यह तरीका यह स्पष्ट करता है कि प्रदेश के लगभग व्यापारी संगठन इस विरोध के पक्ष में नहीं है |
अब देखने वाली बात यह है कि विरोध करने वाले व्यक्तियों के साथ प्रदेश के कितने व्यापारी संघ खुलकर साथ देते हैं और उनका छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के इस चुनाव में कितना असर पड़ता है ?