गाज़ीपुर के समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद Afzal Ansari एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। सनातन हिंदू धर्म और प्रयागराज महाकुंभ पर उनकी टिप्पणी से बवाल मच गया है।
बृहस्पतिवार की रात शादियाबाद थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा जिला सहकारी बैंक गाज़ीपुर के पूर्व अध्यक्ष देव प्रकाश सिंह ने दर्ज कराया है। आरोप है कि सांसद Afzal Ansari ने अपने पद की गरिमा के खिलाफ बयान दिया, जिससे सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
इससे पहले भी अफजाल अंसारी पर हिंदू साधु-संतों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप लग चुके हैं। अब उनके महाकुंभ स्नान पर दिए गए बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वह सनातन धर्म की आस्थाओं का मज़ाक उड़ाते दिख रहे हैं।
क्या कहा था अफजाल अंसारी ने?
सपा सांसद अफजाल अंसारी ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर विवादित बयान दिया। उनका कहना था—
“मान्यता है कि संगम तट पर नहाने से व्यक्ति का पाप धुल जाता है, बैकुंठ जाने का रास्ता खुल जाता है। लेकिन जिस तरह भीड़ उमड़ रही है, उससे लगता है कि अब नर्क में कोई नहीं बचेगा और स्वर्ग पूरी तरह ‘हाउसफुल’ हो चुका है!”
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिससे हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। कई लोगों ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया और अंसारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई।
अफजाल अंसारी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा!
सांसद के इस बयान के बाद हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। हिंदू सेना, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने मांग की कि अफजाल अंसारी पर सख्त कार्रवाई हो और उनकी गिरफ्तारी की जाए।
इसके बाद शादियाबाद पुलिस थाने में सांसद के खिलाफ IPC की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और सांसद के बयान की पूरी समीक्षा की जा रही है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया – भाजपा हमलावर, सपा बचाव में!
भाजपा नेताओं का बयान:
भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर सपा पर सीधा हमला बोला। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा—
“समाजवादी पार्टी के नेता बार-बार सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश यादव को बताना चाहिए कि वे ऐसे नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे?”
सपा का पलटवार:
सपा प्रवक्ता ने बचाव करते हुए कहा कि “अफजाल अंसारी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।” उन्होंने इसे भाजपा की “धार्मिक ध्रुवीकरण की साजिश” बताया और कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावी फायदे के लिए मुद्दा उछाल रही है।
क्या यह हिंदू वोट बैंक को साधने की राजनीति है?
विश्लेषकों का मानना है कि यूपी में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इस बयान को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। भाजपा इसे हिंदू आस्था से जोड़कर हिंदू वोट बैंक को साधने में जुटी है, जबकि सपा इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़ रही है।
हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि क्या नेताओं को धार्मिक भावनाओं पर चोट करने वाले बयान देने से बचना नहीं चाहिए?
अफजाल अंसारी के विवादों का पुराना रिकॉर्ड!
यह पहली बार नहीं है जब अफजाल अंसारी विवादों में घिरे हैं। उनका नाम मुख्तार अंसारी गैंग से भी जोड़ा जाता रहा है और कई आपत्तिजनक बयानों के कारण वह पहले भी चर्चा में रहे हैं।
2019: लोकसभा चुनाव के दौरान अफजाल अंसारी ने भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद विवाद बढ़ गया था।
2021: उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून पर उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोला था और कहा था कि यह कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।
2023: उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर विवादित बयान दिया, जिसे लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध किया था।
अब महाकुंभ स्नान पर दिए गए बयान ने एक बार फिर उन्हें राजनीतिक और कानूनी मुश्किलों में डाल दिया है।
आगे क्या होगा?
क्या अफजाल अंसारी की गिरफ्तारी होगी?
क्या समाजवादी पार्टी उनके बयान से किनारा करेगी या बचाव में उतरेगी?
क्या भाजपा इस मुद्दे को आगामी चुनाव में भुनाएगी?
फिलहाल, गाज़ीपुर में हिंदू संगठनों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। देखना होगा कि यह मामला कानूनी कार्रवाई तक सीमित रहेगा या आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बनेगा।
“अफजाल अंसारी के विवादित बोल: राजनीति या आस्था का अपमान?”
आपकी क्या राय है? क्या नेताओं को धार्मिक आस्थाओं पर बयानबाजी से बचना चाहिए? नीचे कमेंट में बताएं!