प्रयागराज में चल रहे MahaKumbh 2025 ने इस बार श्रद्धालुओं के आगमन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 13 जनवरी से शुरू हुए इस दिव्य आयोजन में अब तक 40.68 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम (UPSRTC) ने 3050 स्पेशल बसें चलाने का फैसला किया है, जो 8 फरवरी से 27 फरवरी तक संचालित होंगी।
रोडवेज की तैयारी: यात्रा होगी सुविधाजनक
महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने के लिए रोडवेज प्रशासन ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 12 और 26 फरवरी को होने वाले अमृत स्नान के दौरान सक्रियता बढ़ाएं, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
प्रवक्ता अमरनाथ सहाय ने जानकारी दी कि निगम प्रमुख ने मेला क्षेत्र में तैनात क्षेत्रीय प्रबंधकों, सेवा प्रबंधकों, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों और चालक-परिचालकों के कार्यों की सराहना की। इसके अलावा, 26 जनवरी से 7 फरवरी तक की समीक्षा में मेले के कुशल संचालन की प्रशंसा की गई।
महाकुंभ में स्नान का नया रिकॉर्ड, 50 करोड़ श्रद्धालुओं के पार जाने की उम्मीद
महाकुंभ 2025 ने इस बार आस्था के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। 94 लाख श्रद्धालुओं के स्नान के साथ ही शुक्रवार को 40 करोड़ का आंकड़ा पार हो गया। राज्य सरकार ने महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था, लेकिन सिर्फ 25 दिनों में ही यह आंकड़ा पार हो गया।
अब तक के प्रमुख स्नान दिवसों का आंकड़ा:
मकर संक्रांति (15 जनवरी) – 3.5 करोड़ श्रद्धालु
मौनी अमावस्या (29 जनवरी) – 7.64 करोड़ श्रद्धालु (रिकॉर्ड संख्या)
तीसरा अमृत स्नान (3 फरवरी) – 2.57 करोड़ श्रद्धालु
महाकुंभ अभी 26 फरवरी तक चलेगा, जिससे यह संभावना है कि श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ के पार जा सकती है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं और सुरक्षा इंतजाम
महाकुंभ में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
अस्थायी बस स्टेशन – श्रद्धालुओं को भीड़भाड़ से बचाने के लिए अलग-अलग अस्थायी बस स्टेशनों से बसों का संचालन किया जाएगा।
पार्किंग व्यवस्था – शहर के बाहरी क्षेत्रों में विशाल पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की गई है।
रेलवे और एयर कनेक्टिविटी – रेलवे स्टेशन पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन और बमभोले एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर सेवा की भी सुविधा दी जा रही है।
हेल्थ सुविधाएं – मेले में 24×7 मेडिकल कैंप, एंबुलेंस, डॉक्टरों की टीम और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती – 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी, ड्रोन सर्विलांस, सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
क्यों खास है महाकुंभ 2025? जानिए इसका आध्यात्मिक महत्व
12 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाला यह कुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है।
इसे चार पवित्र स्थलों (हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक, उज्जैन) में आयोजित किया जाता है, और यह अर्द्धकुंभ व पूर्णकुंभ में विभाजित होता है।
अमृत स्नान (शाही स्नान) का विशेष महत्व है, जिसमें मान्यता है कि संगम में डुबकी लगाने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
यह आयोजन केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के संतों, योगियों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
कैसे पहुंचे महाकुंभ 2025 में?
रेल मार्ग: प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज संगम स्टेशन, और झूंसी रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेनों का संचालन।
बस सेवा: यूपी रोडवेज की स्पेशल बसें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, झांसी, दिल्ली, आगरा और अन्य प्रमुख शहरों से उपलब्ध।
हवाई मार्ग: प्रयागराज बमभोले एयरपोर्ट से कुंभ स्थल के लिए हेलीकॉप्टर सेवा।
आस्था, भक्ति और दिव्यता का संगम है महाकुंभ
महाकुंभ 2025 न सिर्फ हिंदू धर्म के लिए एक पवित्र अवसर है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का भी भव्य प्रदर्शन करता है। श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक संख्या और सरकार द्वारा किए गए व्यापक प्रबंधों के कारण यह कुंभ विश्व स्तर पर चर्चा में बना हुआ है।
यदि आप अब तक महाकुंभ नहीं पहुंचे हैं, तो यह स्वर्णिम अवसर है! संगम में एक डुबकी लगाएं, आध्यात्मिक अनुभव करें और 50 करोड़ श्रद्धालुओं के ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनें।