Agra नगर निगम की निर्माण निधि पर बजट संकट का संकट छा गया है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, फरवरी के महीने में ही निर्माण निधि का बजट खत्म हो गया है, जिसके कारण अब निगम द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों पर रोक लग गई है। इस वित्तीय वर्ष में जिस प्रकार से निर्माण कार्यों के लिए बजट आवंटित किया गया था, उस हिसाब से अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब न तो नए निर्माण कार्य शुरू हो सकते हैं और न ही किसी अन्य नए प्रस्ताव पर काम हो सकेगा। यह स्थिति नगर निगम के समक्ष एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।
नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने तक, यानी कि 1 अप्रैल 2025 से पहले, कोई भी नया निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकेगा। यह शहरवासियों के लिए एक बड़ी निराशा का कारण बन सकता है, क्योंकि नागरिक विकास कार्यों का पूरी तरह से अभाव महसूस कर रहे थे। इस समय, केवल वे कार्य ही पूरे किए जा सकेंगे, जिनके लिए पहले से ही धनराशि आवंटित की जा चुकी है।
120 करोड़ का बजट था स्वीकृत
नगर निगम ने 31 मार्च 2024 से लेकर 31 मार्च 2025 तक के वित्तीय वर्ष के लिए 120 करोड़ रुपये का निर्माण कार्य बजट स्वीकृत किया था। इस बजट से शहर की सड़क निर्माण, मॉडल रोड, इंटरलॉकिंग, नाले, नालियों और पुलियों के निर्माण कार्यों के लिए राशि आवंटित की गई थी। इन कार्यों में से अधिकांश कार्यों को पूरा किया जा चुका है, जबकि कुछ कार्य अभी भी अधूरे हैं। इन कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा, लेकिन नए कार्यों की शुरुआत अब नए वित्तीय वर्ष तक नहीं हो पाएगी।
मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता के मुताबिक, निगम ने इस वित्तीय वर्ष में अधिकांश निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि निगम की ओर से किए गए अधिकांश कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं, और अब बजट खत्म हो जाने के कारण किसी भी नए कार्य की शुरुआत नहीं की जा सकती।
पार्षदों का बजट खत्म होने पर रोष
वहीं दूसरी तरफ, नगर निगम के विभिन्न राजनीतिक दलों के पार्षदों ने भी इस स्थिति को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। कई पार्षद नगर निगम के अधिकारियों के पास अपने कार्यों की फाइलों को पास कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन बजट के अभाव में उनके कार्य भी ठप हो गए हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि शहर में जिन कार्यों को लेकर पार्षदों की ओर से प्रस्ताव दिए गए थे, अब उन पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकेगी।
भाजपा पार्षद दल का कहना है कि अब समय आ गया है कि पार्षद नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर शहर के विकास के लिए और बेहतर तरीके से काम करें। शहर की रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए, न कि अनावश्यक विरोध किया जाना चाहिए।
70 से 80 करोड़ के कार्य होने की जानकारी
नगर निगम के पूर्व उप सभापति और भाजपा नेता रवि बिहारी माथुर ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से निगम निर्माण निधि से 70-80 करोड़ रुपये के कार्य कराता रहा है, लेकिन इस बार रिकॉर्ड 120 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बजट निगम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन अब बजट खत्म हो जाने से नए कार्यों के लिए 31 मार्च तक इंतजार करना पड़ेगा।
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि वे शहर में विकास कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, और इस बार के बजट में किए गए कार्य शहरवासियों के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकते थे।
शहर की रैंकिंग पर असर
नगर निगम द्वारा किए गए विभिन्न निर्माण कार्यों का उद्देश्य शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और शहर की रैंकिंग को बेहतर बनाना था। अब जब निर्माण कार्यों की गति धीमी हो जाएगी, तो इससे शहर की रैंकिंग पर असर पड़ सकता है। पार्षदों का मानना है कि अगर अब कोई नया कार्य शुरू नहीं हुआ तो शहर की रैंकिंग गिर सकती है, जिससे शहरवासियों को निराशा का सामना करना पड़ेगा।
इसके बावजूद, भाजपा पार्षद दल ने आशा जताई है कि सभी राजनीतिक दलों के साथ मिलकर शहर की रैंकिंग को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे। हालांकि, अब तक नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों के बीच एक स्पष्ट समझौता नहीं हो पाया है, जिसके कारण नए कार्यों की स्थिति अज्ञात बनी हुई है।
संकट के बावजूद आगे के रास्ते की योजना
नगर निगम के अधिकारी अब नए वित्तीय वर्ष के लिए योजना बनाने में जुटे हुए हैं। उनके अनुसार, जैसे ही नया बजट आवंटित होगा, नगर निगम अपने प्राथमिक कार्यों की सूची तैयार करेगा। इस बार के बजट में कुछ नए कार्यों को प्राथमिकता दी जा सकती है, जिनमें शहर के प्रमुख मार्गों की मरम्मत, जल निकासी की व्यवस्था को सुधारने के लिए नए नाले और नालियों का निर्माण, और सड़क निर्माण के अतिरिक्त योजनाएं शामिल हो सकती हैं।
वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस बार की गई परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा, ताकि शहरवासियों को कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े। निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने की दिशा में अधिकारियों का पूरा ध्यान होगा।
आगरा नगर निगम के निर्माण कार्यों को लेकर आने वाली समस्याओं ने शहर के विकास को कुछ हद तक प्रभावित किया है। हालांकि, नए वित्तीय वर्ष में बजट मिलने के बाद कार्यों की गति फिर से तेज हो सकती है। उम्मीद है कि सभी पार्टियों के बीच सामूहिक प्रयासों से शहर के विकास की गति जारी रहेगी, और आगरा शहर की रैंकिंग में सुधार आएगा।