Maha Kumbh Mela 2025 महाकुंभ मेला 2025 में आज श्रद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ उमड़ पड़ी है, खासकर बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान के मौके पर। महाकुंभ मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें लाखों-लाख श्रद्धालु हर साल प्रयागराज के संगम तट पर आकर स्नान करते हैं। इस साल, मेला प्रशासन ने समस्त व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खासकर इस विशेष दिन की तैयारियों पर जोर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अमृत स्नान पर्व की तैयारियों की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि इस अवसर पर किसी भी प्रकार की चूक न हो। मेला प्रशासन को ‘जीरो एरर’ रखने का आदेश दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। विशेष रूप से, महाकुंभ के दौरान प्रमुख स्नान पर्वों पर VIP प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। यह निर्णय प्रशासन की ओर से लिया गया है, ताकि सामान्य श्रद्धालु बिना किसी रुकावट के पवित्र स्नान कर सकें।
अब तक महाकुंभ मेला में करीब 34.33 करोड़ श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं। 2 फरवरी 2025 तक, सुबह 10 बजे तक 72.36 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया है और इस संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा है और इसके साथ ही श्रद्धालुओं के संगम तट पर पहुंचने का सिलसिला जारी है। मेला प्रशासन ने इस भारी भीड़ के मद्देनज़र सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत किया है और पुलिस बल को हर गली-गली में तैनात किया गया है।
वहीं, समाजवादी पार्टी (SP) ने मेला प्रशासन पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। मुरादाबाद के बिलारी विधानसभा से सपा विधायक मौ फहीम इरफान ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, राज्य सरकार से प्रत्येक मृतक को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है। विधायक ने कहा कि यह एक दिल दहला देने वाला हादसा था, और सरकार को मृतकों के परिवारों की मदद करनी चाहिए।
महाकुंभ में श्रद्धा और आस्था का अलग ही रंग देखने को मिला। एक खास ग्रुप, जो महाराष्ट्र से आया है, राम नाम का जाप कर लोगों को जागरूक कर रहा है। इस समूह का उद्देश्य एक दिन में 10 लाख लोगों से “राम नाम” का जाप करवाना है। इस ग्रुप ने न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा दिया है, बल्कि नशा मुक्ति और बच्चों की शिक्षा के प्रति भी जागरूकता फैलाने की कोशिश की है। महाराष्ट्र के रामद्वारा जगतपाल जलगांव से आए 18 लोग लगातार “राम नाम लो, भाग्य जगाओ” का संदेश दे रहे हैं।
अब जबकि महाकुंभ मेला अपने चरम पर पहुंच चुका है, प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था में भी सुधार किया गया है। मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। पुलिस बल की तैनाती भी हर स्थान पर सुनिश्चित की गई है, जिससे शांति और सुरक्षा बनी रहे।
महाकुंभ के दौरान कुछ राजनीतिक मुद्दों ने भी तूल पकड़ा है। महाकुंभ मेला के सेक्टर 16 के मुक्ति मार्ग पर शनिवार, 1 फरवरी को एक महासंवाद का आयोजन किया गया। इस महासंवाद में श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त करने की मांग उठाई गई। इस मौके पर श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वर माऊली सरकार ने इस मुद्दे पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति सनातन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
आखिरकार, महाकुंभ मेला हमेशा से ही विविध धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक मुद्दों का संगम रहा है। इस बार भी, इस मेले में विभिन्न प्रकार की चर्चाएं और संकल्पों का माहौल देखने को मिल रहा है। महाकुंभ मेला न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक संवादों का भी केंद्र बन चुका है।
महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में एक और घटना घटी जिसने प्रशासन को सचेत किया। सेक्टर 18 में गैस सिलेंडर लीक होने से आग लग गई। आग की लपटें फैलने से एक टेंट जलकर राख हो गया, लेकिन मेला प्रशासन और फायर ब्रिगेड की तत्परता ने एक बड़ा हादसा टाल दिया। इस अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई और सीएफओ प्रमोद कुमार शर्मा ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। समय रहते आग पर काबू पाने के कारण प्रशासन ने राहत की सांस ली।
महाकुंभ मेला 2025 एक बार फिर यह सिद्ध कर रहा है कि धार्मिक आस्था और सुरक्षा की उच्चतम प्राथमिकताएं प्रशासन के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। इस बार की व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं की संख्या ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब महाकुंभ में अगले कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। यह मेला भारतीय संस्कृति, धर्म और आस्था का अद्वितीय प्रदर्शन है, जिसमें हर श्रद्धालु की आस्था की डुबकी अनमोल है।