Bareilly के इज्जत नगर थाना क्षेत्र के सब्जी मंडी गेट नंबर 2 के पास एक सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया, जिसमें पति श्रवण कुमार ने अपनी पत्नी मीना की बेरहमी से हत्या कर दी। अदालत ने इस हत्याकांड में आरोपी पति श्रवण कुमार को उम्र भर की सजा सुनाई और साथ ही उसे 50 हजार रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया। यह मामला न केवल एक घरेलू हिंसा का मामला था, बल्कि इसमें अदालत ने कई धार्मिक दृष्टांतों का भी उद्धरण किया, जो इस निर्णय को और भी अधिक महत्व प्रदान करते हैं।
हत्या की घटना और उसका कारण
यह घटनाक्रम 11 अगस्त 2021 की रात का है, जब बरेली शहर में रहने वाली मीना अपने पति श्रवण कुमार के साथ कुछ समय से उत्पन्न विवादों के कारण मायके चली गई थी। दोनों के बीच तनाव बढ़ चुका था और मीना ने अपने पति से तलाक लेने का मन बना लिया था। श्रवण कुमार, जो पहले से ही अपनी पत्नी के व्यवहार से परेशान था, ने एक खौ़फनाक योजना बनाई।
वह अपनी पत्नी के पास पहुंचा और यह दिखावा किया कि वह उसे माफ कर चुका है और उनके बीच सब कुछ ठीक हो गया है। इस दौरान, उसने चाकू लेकर मीना पर ताबड़तोड़ वार किया और उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद श्रवण कुमार फरार हो गया, लेकिन मीना के भाई की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
कोर्ट का फैसला और धार्मिक दृष्टांत
इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के विद्वान न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने हत्या आरोपी श्रवण कुमार को सजा सुनाई। अदालत ने अपने फैसले में कई धार्मिक उदाहरणों का उल्लेख किया, जिसमें विशेष रूप से हिंदू धर्म से जुड़े संदर्भों का उल्लेख किया गया।
अदालत ने कहा कि “पति-पत्नी का रिश्ता जन्म-जन्मांतर का होता है। भगवान शंकर ने अपनी पत्नी पार्वती से बहुत प्रेम किया और वह कभी उनसे अलग नहीं होना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अर्धनारीश्वर का रूप लिया था।” यह संदर्भ अदालत ने यह जताने के लिए दिया कि पति और पत्नी का संबंध पवित्र और अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने और भी कई धार्मिक उद्धरणों का उल्लेख किया। “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः”, जिसका अर्थ है “जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं”, को उद्धृत करते हुए अदालत ने यह स्पष्ट किया कि भारतीय समाज में महिला का सम्मान अत्यंत महत्वपूर्ण है और उसकी हत्या जैसी घटनाएं समाज को शर्मसार करती हैं।
अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दिगंबर पटेल ने बताया कि आरोपी पति श्रवण कुमार के खिलाफ केस में पूरी जांच की गई और आरोपी का अपराध साबित करने के लिए सभी महत्वपूर्ण साक्ष्य अदालत में पेश किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी ने पहले तो अपनी पत्नी के साथ सब कुछ ठीक होने का नाटक किया था, लेकिन उसकी मंशा पूरी तरह से हत्या की थी।
वहीं, बचाव पक्ष ने अपने तर्क प्रस्तुत करते हुए यह दावा किया कि श्रवण कुमार को मानसिक तनाव था और यह घटना उसके गुस्से में आकर हुई थी। हालांकि, अदालत ने इस तर्क को नकारते हुए इसे एक सुनियोजित हत्या माना और आरोपी को कठोर सजा सुनाई।
महिला सुरक्षा और घरेलू हिंसा पर सवाल
इस मामले में कई महत्वपूर्ण सवाल भी उठते हैं, विशेष रूप से महिला सुरक्षा और घरेलू हिंसा के मुद्दे पर। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आज भी हमारे समाज में महिलाएं असुरक्षित क्यों हैं। चाहे वह किसी भी वर्ग की हों, उनके साथ हिंसा और शोषण के मामले लगातार सामने आते रहते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू हिंसा को रोकने के लिए कानून तो मौजूद हैं, लेकिन सही तरीके से उनका पालन और महिला को खुद अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाना अत्यंत आवश्यक है। समाज में महिलाओं के अधिकारों और उनके सुरक्षा के लिए सभी को आगे आना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
अदालत का निर्णय और समाज पर असर
अदालत द्वारा दिया गया यह निर्णय केवल एक सजा का नहीं, बल्कि यह एक संदेश है, जो समाज के प्रत्येक सदस्य तक पहुंचता है। यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि अदालत किसी भी अपराधी को कानून से बचने का मौका नहीं देती और वह अपराध चाहे किसी भी प्रकार का हो, उसे सख्त सजा मिलती है।
अब, हत्या आरोपी श्रवण कुमार को जेल भेज दिया गया है, लेकिन इस प्रकार के मामले यह सवाल उठाते हैं कि समाज में हम कैसे महिलाओं को सुरक्षित रख सकते हैं और अपराधियों को कड़ी सजा दिलवा सकते हैं। यह मामला एक उदाहरण बन सकता है, जिस पर सभी को गहरी नजर रखने की जरूरत है।