Shamli । मंगलवार को उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में STF मेरठ के नेतृत्व में हुए एक साहसिक एनकाउंटर ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। इस मुठभेड़ में STF मेरठ टीम के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अदम्य साहस दिखाते हुए अपनी जान गवां दी। बदमाशों के खिलाफ इस जंग में चार कुख्यात अपराधियों को मौके पर ही ढेर कर दिया गया। लेकिन इस संघर्ष में इंस्पेक्टर सुनील कुमार को लगी गंभीर चोटों के कारण उन्होंने मेदांता अस्पताल में दम तोड़ दिया।
गोलियों की गूंज और बदमाशों का खात्मा
यह मुठभेड़ शामली के झींझाना थाना क्षेत्र के बिडोली-हरियाणा बॉर्डर पर हुई। STF टीम ने एक रणनीतिक ऑपरेशन चलाया, जिसमें बदमाशों से करीब 30 मिनट तक गोलियां चलीं। एसटीएफ ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए कुख्यात बदमाश अरशद, मंजीत, संदीप और एक अज्ञात अपराधी को ढेर कर दिया।
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बदमाशों का यह गैंग, मुकीन काला और मुस्तफा उर्फ कग्गा जैसे अपराधियों द्वारा संचालित किया जा रहा था। यह गैंग लूट, हत्या और रंगदारी जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम देने में कुख्यात था। इनमें अरशद पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित था।
वीरता की मिसाल बने इंस्पेक्टर सुनील कुमार
इंस्पेक्टर सुनील कुमार का योगदान इस ऑपरेशन में अमूल्य था। वह STF मेरठ की टीम को लीड कर रहे थे। ऑपरेशन के दौरान उन्हें पेट में दो गोलियां लगीं, जिससे उनके लिवर और खून की नसों को गंभीर क्षति पहुंची। उन्हें तुरंत हरियाणा के करनाल अस्पताल ले जाया गया और फिर उनकी हालत बिगड़ने पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने 36 घंटे तक उनकी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन गंभीर चोटों के चलते वह जिंदगी की जंग हार गए।
शहीद की शहादत को मिला सम्मान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर सुनील कुमार की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने घोषणा की कि सुनील कुमार के परिवार को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी और उनके नाम पर उनके गांव या जिले की एक सड़क का नामकरण भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “सुनील कुमार जैसे बहादुर पुलिस अधिकारी हमारी पुलिस फोर्स का गौरव हैं। उनकी वीरता को हमेशा याद रखा जाएगा। प्रदेश सरकार उनके परिवार के साथ हर परिस्थिति में खड़ी है।”
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
इंस्पेक्टर सुनील कुमार मेरठ जिले के इंचौली के मसूरी गांव के निवासी थे। उनके परिवार में पत्नी मुनेश, बेटा मंजीत उर्फ मोनू, और बेटी नेहा हैं। 1990 में पुलिस सेवा में भर्ती हुए सुनील ने 2009 में STF जॉइन की थी। उनकी शहादत से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर है।
उनके बड़े भाई अनिल काकरान खेती-बाड़ी करते हैं। परिवार वालों का कहना है कि सुनील कुमार हमेशा अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानते थे। उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता ने पूरे गांव को गौरवान्वित किया।
एनकाउंटर की पृष्ठभूमि
इस ऑपरेशन में मारे गए सभी बदमाशों पर हत्या, लूट, डकैती और रंगदारी जैसे कई गंभीर मामले दर्ज थे। मारे गए बदमाश पुलिस के लिए लंबे समय से सिरदर्द बने हुए थे। इस सफल ऑपरेशन ने इलाके में अपराधियों के मनोबल को तोड़ने का काम किया है।
पुलिस विभाग और जनता की श्रद्धांजलि
शामली पुलिस और STF टीम में शोक की लहर है। पुलिस विभाग ने कहा, “सुनील कुमार जैसे वीर अधिकारी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।”
स्थानीय जनता भी उनके इस बलिदान को सलाम कर रही है। गांव में अंतिम संस्कार के दौरान सैकड़ों लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरे क्षेत्र में एक वीर सिपाही को खोने का गम है, लेकिन उनकी वीरता पर गर्व भी है।
सुनील कुमार का बलिदान रहेगा अमर
इस घटना ने पुलिस बल की चुनौतियों और बलिदानों को उजागर किया है। सुनील कुमार की शहादत इस बात का प्रमाण है कि हमारे सुरक्षा बल हर परिस्थिति में जनता की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। उनका बलिदान न केवल पुलिस बल के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है।