बताया जा रहा है कि, मामले का खुलासा तब हुआ जब छात्रा को इलाज के लिए पोंडी अस्पताल लाया गया। इस मामले को आश्रम की अधीक्षिका और कर्मचारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन मामले का खुलासा होते ही जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। कलेक्टर के निर्देश पर जच्चा-बच्चा दोनों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। कलेक्टर ने मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कन्या आश्रम की अधीक्षिका को निलंबित कर दिया है। इस मामले ने कन्या आश्रम में बच्चों की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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