पर प्रकाश डाला गया
- अंतिम सूची में संशोधन, आठ जनवरी को पेश करना होगा उत्तर।
- गांव की 20 सरकारी आबादी की आपूर्ति, रिकार्ड में शत-प्रतिशत।
- कई में अब तक न पाइपलाइन बिछी और न ही बने ओवरहेड टैंक।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जल जीवन मिशन के तहत हो रहे काम में मजदूरों और किसानों को लेकर मीडिया रिपोर्ट पर गंभीर रुख तय किया है। चीफ जस्टिस राकेश सिन्हा और जस्टिस जनरल अग्रवाल की बेंच ने इस मामले को स्वतः स्वीकार कर लिया है।
कोर्ट ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी तय की है।
जलाला के वास्तुकार का रहस्य
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जल जीवन मिशन के तहत सभी घरों में शैतानी के अधिकारियों ने साक्ष्य-पत्र के साथ दावा किया है कि जल जीवन मिशन के तहत सभी घरों में पूरी तरह से सामान रखा गया है। जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। दैहानपारा गांव में 130 घरों में ही पानी पहुंचता है, जिसकी आबादी 20% है।
अब तक कई कश्मीरों में पाइपलाइन नहीं बनाई गई है और न ही ओवरहेड टैंक का निर्माण किया गया है। फिर भी इसके सभी घरों में जला स्टार्टर के पूरी तरह से होने का दावा किया गया। ग्राम पंचायत बन्नाकडीह में राशन कार्ड न होने से कई घरों को कनेक्शन नहीं दिया गया है।
ग्रामवासियों ने भी बनाया है प्लास्टर
गांव के लोग सरपंच और पंचायत सदस्य नाराज हैं, जो इस समस्या के समाधान में हैं। वहीं, पानी के बिलों में भी बंधक बनाए गए हैं। किसी में 100 रुपये तो किसी में 80 रुपये का बिल लिया जा रहा है। हाई कोर्ट ने जल जीवन मिशन के विद्यार्थियों और पुजारियों की प्रैक्टिस में दाखिला लिया है।
कोर्ट ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही तय की जाएगी। मुख्य पार्ट से बचाव का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें- 29 साल बाद हो सकता है निगम का आदेश! 6 जनवरी को मेयर का कार्यकाल समाप्त हो गया
हाई कोर्ट ने दैत्य व शासन से जवाब मांगा
केस की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कोरियोग्राफी से एकल हलफनामा के साथ जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि शपथ पत्र के साथ यह कहा जाएगा कि राज्य में जल जीवन मिशन कब शुरू किया गया था और इसे कब तक पूरा किया जाएगा। पीआइएल की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने आठ जनवरी की तारीख तय की है।
यह भी पढ़ें- भारतीय रेलवे: रेलवे ने फिर यात्री यात्रियों की परेशानी, 21 लोकल ट्रेन रेड
जिम्मेदार सहित मुख्य पक्षकार बनाया गया है
चीफ कंसल्टेंट, ऑर्थोडॉक्स लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग, मिशन निदेशक के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य, जल जीवन मिशन, एसोसिएटेड डिपार्टमेंट छत्तीसगढ़, बिलासपुर बिलासपुर, मुख्य पार्टिकलन असिस्टेंट डिपार्टमेंट बिलासपुर, कार्यपालन असिस्टेंट डिपार्टमेंट बिलासपुर को इस मामले में प्रमुख पक्षकार बनाया गया है।