Kanpur के सदानंदनगर में एक सनसनीखेज घटना ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। एक दवा कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) कमल कुमार तिवारी ने आरोप लगाया है कि एटीएम हैकरों के एक गिरोह ने उनके साथ न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि उन्हें अगवा कर बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना का विस्तृत विवरण:
22 दिसंबर की रात, जब सदानंदनगर निवासी कमल तिवारी लाल बंगला से अपने घर लौट रहे थे, तभी यह दर्दनाक घटना हुई। कमल के अनुसार, काली बाड़ी के पास उन्हें एक कार ने रोका। कार में मौजूद नीरज ठाकुर, गोलू चंदेल, यश ठाकुर, अभिरल अवस्थी, और आदित्य चौहान ने अचानक गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। कमल ने जब इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने उन्हें जबरन कार में खींच लिया।
आरोपियों की हैवानियत:
कमल को कार में डालकर नीरज ठाकुर के चट्टे पर ले जाया गया। वहां आरोपियों ने उन्हें बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट की। कमल के मुताबिक, यह दर्दनाक घटना घंटों तक चली। रात करीब 1 बजे किसी तरह से बचकर कमल अपने घर पहुंचे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
एटीएम हैकरों का गिरोह:
कमल का आरोप है कि सभी आरोपी एटीएम हैकर हैं। उन्होंने यह भी दावा किया है कि ये आरोपी न केवल धोखाधड़ी करते हैं, बल्कि लूटपाट और अन्य आपराधिक वारदातों में भी शामिल हैं।
पुलिस की कार्रवाई:
चकेरी थाने के प्रभारी अशोक कुमार दुबे ने जानकारी दी कि कमल तिवारी की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने तुरंत आरोपियों की पहचान कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास:
स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि आरोपी पहले भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। उनकी एटीएम हैकिंग की गतिविधियां और लूट की वारदातें पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
शहर में बढ़ते अपराध:
यह घटना कानपुर में बढ़ते अपराध का एक और उदाहरण है। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोग, जिनकी दिनचर्या पहले ही चुनौतीपूर्ण होती है, अब इन आपराधिक तत्वों के निशाने पर आ रहे हैं। इस घटना ने पेशेवरों और आम जनता में डर का माहौल पैदा कर दिया है।
एटीएम हैकिंग और अन्य अपराधों का संगठित गिरोह:
जानकारों के मुताबिक, एटीएम हैकरों के ऐसे संगठित गिरोह देशभर में सक्रिय हैं। ये अपराधी तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल कर न केवल एटीएम से पैसे चुराते हैं, बल्कि विरोध करने वालों को नुकसान पहुंचाने से भी नहीं कतराते।
पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी:
इस घटना ने पुलिस और प्रशासन पर सवालिया निशान लगा दिया है। अपराधियों का बेखौफ होकर ऐसी वारदातों को अंजाम देना, कानपुर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है।
पीड़ित के परिवार की चिंता:
कमल तिवारी के परिवार का कहना है कि इस घटना के बाद से वे बेहद भयभीत हैं। उन्होंने पुलिस से जल्द न्याय की मांग की है।
सुरक्षा के लिए सुझाव:
- सार्वजनिक स्थानों पर सतर्कता: देर रात अकेले यात्रा करने से बचें।
- अपराधियों की पहचान: अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
- तकनीकी जागरूकता: एटीएम हैकिंग और ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपायों को समझें और अपनाएं।
यह घटना सिर्फ कानपुर या कमल तिवारी तक सीमित नहीं है। यह हमारे समाज और सुरक्षा व्यवस्था पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है। ऐसे मामलों में प्रशासन को कठोर कदम उठाने की जरूरत है।