नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर।आगामी पंचायत चुनाव के लिए तैयारियों में जिला प्रशासन जुट गया है। इस बार पेंड्रा-गौरेला-मरवाही (जीपीएम) और बिलासपुर में जिला पंचायत के चुनाव अलग-अलग होंगे। जीपीएम जिले में सीटों की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई है, जबकि बिलासपुर में 17 सीटों पर मतदान होगा। इसके लिए जिला पंचायत को दिशा निर्देश मिल चुके हैं। आरक्षण को लेकर अधिकारी सूची का इंतजार कर रहे हैं। आरक्षण सूची आने के बाद चुनाव कराने की तैयारी शुरू होने प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
आगामी जिला पंचायत चुनाव को लेकर अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी। बिलासपुर में नई ग्राम पंचायतें बढ़ने के बाद अब जिला पंचायत सदस्यों की संख्या भी बढ़ने की दिशा में जिला पंचायत की सीटे बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। आने वाले दिनों में बिलासपुर जिला में सदस्यों की संख्या 25 होने की संभावना है। वर्तमान में बिलासपुर जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 22 हैं, गौरेला पेंड्रा मरवाही नया जिला बनने के बाद बिलासपुर में केवल 17 सीटें ही रह गई हैं व पांच सीटे जीपीएम जिले में चली गई है। जिला पंचायत की सामान्य सभा चलाने के लिए कम से कम 10 सदस्यों की संख्या चाहिए, यही कारण है कि जिला बनने के बाद भी गौरेला पेंड्रा मरवाही का पूरा काम भी बिलासपुर जिला पंचायत से पूर्व की ही भांति चल रहा था।
जीपीएम में सदस्यों की संख्या बढ़ाई गई
जीपीएम जिले में पहले जिला पंचायत के पांच सदस्य थे, लेकिन सामान्य सभा की न्यूनतम आवश्यकता को देखते हुए सीटों की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई है। सामान्य सभा चलाने के लिए कम से कम 10 सदस्यों की आवश्यकता होती है।
एक साथ हो सकते हैं चुनाव
अधिकारियों की माने तो अब तक मिल रहे संकेतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावना है। इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है। अनुमान है कि आचार संहिता दिसंबर के अंतिम सप्ताह में लागू हो सकता है।
वर्जन–
जीपीएम जिला व बिलासपुर जिले में इस बार अलग-अलग चुनाव कराए जाएंगे। जीपीएम की पांच सीटों को बढ़ाकर 10 सीट कर दिया गया है। बिलासपुर में जिला पंचायत की 17 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे।
संदीप अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ बिलासपुर
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फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से 33 करोड़ का टेंडर किया हासिल, होगा रद
जल जीवन मिशन के तहत हरदी भटचौरा में मल्टी विलेज कार्य के लिए 33 करोड़ रुपये का टेंडर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पेश कर हासिल किया गया है। मामले में जब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को शिकायत मिली, तो जांच शुरू की गई और पाया गया कि कांट्रेक्टर विजय सालुंके ने फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे। मामले में टेंडर रद करने की प्रक्रिया चल रही है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नगरीय निकाय से जारी अनुभव प्रमाणपत्र के फर्जी होने की शिकायत मिली थी। कांट्रेक्टर विजय सालुंके द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र की जब छानबीन करने वाली कमेटी संबंधित संस्थान पहुंची तो पुष्टि हुई की कि ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया गया है। कांट्रेक्टर से जब इस बारे में पूछताछ की गई, तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। इसके बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता एपी वैद्य ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई शुरू करते हुए टेंडर को निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
काम लेट करने वाले इन ठेकेदारो को जारी हुआ नोटिस
बुद्धा कंस्टक्शन – उड़नताल
चौधरी एग्रीटैक रायपुर – नगपुरा
रामनिवास शर्मा बिलासपुर – मंगला पासीद, मटियारी
सुनील कुमार जह्मनाबाद – हथफोड़वा
स्नेहिल भारती बिलासपुर – मंजूरपहरी
अफरोज आलम बिलासपुर – दगौरी, बेलतरा
फिरदोस आलम बिलासपुर – सेमरताल
एमआर कंस्ट्रक्शन बिलासपुर – संबलपुरी
एसबीआर कंस्ट्रक्शन बिलासपुर – बरपाली, खंतहा, सिलयारी
पवन इटरप्राइजेस – अमलडीहा
मनोज कुमार मिश्रा – पेंडरवा
मंजूरपहरी गांव में योजना प्रभावित
जिले के मंजूरपहरी गांव में कांट्रेक्टर स्नेहिल भारती बिलासपुर ने अभी तक काम शुरू नहीं किया है, जिसके कारण वहां के 117 परिवार शासन की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना से वंचित हैं। मंजूरपहरी गांव पूर्व में शासन की विभिन्न योजनाओं का प्रमुख केंद्र रहा है, जहां कई योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो चुका है।