Bulandshahr, उत्तर प्रदेश – पुलिस की मेहनत और तत्परता के चलते जनपद बुलंदशहर के थाना डिबाई कोतवाली ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने एक ऑटो लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश कर दिया है, जिसमें एक महिला समेत पांच सदस्य शामिल हैं। ये गैंग खासतौर पर महिलाओं को अपने निशाने पर रखते हुए उनकी लूटपाट किया करता था। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों से 1.39 लाख रुपये नकद, सोने-चांदी के आभूषण, तीन तमंचे, और दो चाकू बरामद किए हैं। इसके अलावा, घटना में उपयोग की गई दो कारों को भी पुलिस ने जब्त किया है।
गैंग का खुलासा और पुलिस की कार्रवाई
बुधवार रात को पुलिस टीम भीमपुर दोराहे पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान चौकी प्रभारी को एक महत्वपूर्ण सूचना मिली कि दो कारों में कुछ संदिग्ध लोग यात्रा कर रहे हैं। यह जानकारी मिली कि दोनों कारों में केवल महिला सवारी ही बैठाई जा रही थी, जबकि पुरुष सवारियों को बैठाने में आनाकानी की जा रही थी। शक के आधार पर पुलिस ने दोनों कारों को रोकने का प्रयास किया। जब आरोपियों ने देखा कि पुलिस ने उन्हें घेर लिया है, तो उन्होंने अनूपशहर की दिशा में भागने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों कारों को अलीगढ़ अनूपशहर रोड के सूरजपुर मखेना नहर से पकड़ लिया।
पुलिस ने जब कारों की तलाशी ली, तो उनमें एक महिला सहित पांच लोग सवार थे। पुलिस ने इन्हें तत्काल हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। पूछताछ में आरोपियों ने अपने अपराधों को स्वीकार किया और बताया कि कैसे उन्होंने लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया। इन पांच आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी बहुत लंबा है। खास बात ये है कि इनके खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि सुरेंद्र पर 15, मोहित पर 7, सौदान सिंह पर 4, शनि पर 2, नीरज पर 2, और महिला आरोपी सोनिया पर 4 मामले दर्ज हैं। ये सभी आरोपी पहले भी कई बार जेल जा चुके हैं।
महिला आरोपी की भूमिका
इस गैंग की खास बात ये है कि इसमें शामिल महिला सदस्य सोनिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी। पुलिस के मुताबिक, इस महिला ने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर सवारियों का विश्वास जीतने का काम किया। महिला को अपने साथ रखते हुए गैंग ने महिला सवारियों को यह विश्वास दिलाया कि वे सुरक्षित हैं और लूटपाट के दौरान कोई संदेह नहीं होगा। इस विश्वास को तोड़ते हुए, गैंग के सदस्य रास्ते में बैग के लॉक तोड़कर सवारियों के कीमती सामान को चुरा लेते थे। इसके बाद, वे सवारियों को किसी सुनसान स्थान पर छोड़ देते थे।
लूट की वारदातों का सिलसिला
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने 20 नवंबर को भीमपुर दोराहे से एक महिला को कार में बैठाकर लूटपाट की थी। उस महिला को बाद में कसेर स्टेशन पर छोड़ दिया गया था। 21 नवंबर को स्याना के हापुड़ अड्डे से एक अन्य महिला को लूटा गया, जबकि 24 नवंबर को इसी थाना क्षेत्र के पेट्रोल पंप से एक और महिला को लूटने की वारदात हुई। इससे पहले, 2 अक्टूबर को डिबाई कोतवाली के धर्मपुर चौकी क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर लूटपाट की गई थी। ये घटनाएं गैंग की आपराधिक गतिविधियों की गंभीरता को दर्शाती हैं।
पुलिस की कार्रवाई और एसपी का बयान
एसपी देहात, रोहित मिश्रा ने इस पूरी घटना के बारे में जानकारी दी और बताया कि पुलिस की एसओजी टीम और डिबाई थाना टीम ने मिलकर इस गैंग को पकड़ा। उन्होंने कहा, “हमने ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो महिलाओं को अपने निशाने पर रखते थे। इनकी रणनीति थी कि रास्ते में महिलाओं को अपनी कार में बैठा लिया जाए और उनके सामान को लूट लिया जाए। इनका काम करने का तरीका बेहद चालाक था, जिससे ये लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहे।”
पुलिस के लिए एक चुनौती
यह मामला एक बार फिर से इस बात को साबित करता है कि पुलिस को हर समय तैयार रहना पड़ता है ताकि ऐसी आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके। यह गैंग जिस तरह से अपने शिकार को अपने जाल में फंसाता था, उससे उनके पकड़े जाने तक पुलिस को मेहनत करनी पड़ी। इनकी गिरफ्तारी से न केवल स्थानीय लोगों में सुरक्षा का एहसास होगा, बल्कि अपराधियों में भी पुलिस के प्रति डर बनेगा।
भविष्य की योजना
पुलिस ने इस मामले के बाद यह भी कहा कि वे आने वाले समय में ऐसे और भी गैंगों की पहचान करने के लिए सतर्क रहेंगी। पुलिस की योजना है कि वे अपने कर्मचारियों को इस तरह की अपराधों की पहचान और रोकथाम के लिए विशेष प्रशिक्षण देंगे। इस घटनाक्रम ने यह भी दिखाया कि जब पुलिस पूरी तत्परता से काम करती है, तो किसी भी अपराधी को पकड़ने में कोई दिक्कत नहीं होती।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें रात में सफर करते समय एक तरह की सुरक्षा का एहसास होता है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “पुलिस की इस कार्रवाई से हमें लगता है कि अब हम सुरक्षित हैं। इससे पहले, हम हमेशा डरते थे कि कहीं रास्ते में कुछ अनहोनी न हो जाए। अब हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस इसी तरह की और कार्रवाइयों से सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।”
बुलंदशहर पुलिस ने जिस तरह से इस गैंग का पर्दाफाश किया है, वह उनके समर्पण और साहस का परिचायक है। यह घटना हर उस नागरिक के लिए एक संदेश है कि पुलिस के प्रयास से अपराधी कहीं भी सुरक्षित नहीं रह सकते। पुलिस की तत्परता और सही समय पर की गई कार्रवाई से एक बड़ी आपराधिक साजिश का अंत हुआ है, जिससे स्थानीय लोग राहत की सांस ले सकते हैं।