रामनगरी Ayodhya में एक बार फिर से रामायण मेला की तैयारी शुरू हो गई है। हर साल की तरह इस वर्ष भी अयोध्या में रामायण मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें न सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम होंगे, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इस बार रामायण मेला की शुरुआत 5 दिसंबर से होगी और यह 8 दिसंबर तक चलेगा।
इस मेले को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है, और इसकी शुरुआत से पहले ही इसका उद्घाटन सत्र भी काफी चर्चाओं में है। हाल ही में रामायण मेला समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की और मेले के उद्घाटन सत्र के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली रामायण मेला समिति
Ayodhya रामायण मेला समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री से मेले के उद्घाटन सत्र के लिए विशेष आमंत्रण प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने समिति के सभी सदस्यगण का स्वागत किया और उन्हें अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। यह एक ऐतिहासिक पल था, जब रामायण मेला समिति के पदाधिकारी अयोध्या के मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिले।
रामायण मेला समिति के संरक्षक जगतगुरु रामदिनेशाचार्य महाराज, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास, महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, नगर आयुक्त संतोष शर्मा और रामायण मेला समिति के संयोजक आशीष मिश्र सहित समिति के कई अन्य सदस्य इस बैठक में शामिल हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री से 5 दिसंबर को शुरू होने वाले रामायण मेला के उद्घाटन सत्र के लिए आमंत्रण प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर मेला आयोजन की सराहना की और राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि रामायण मेला न सिर्फ अयोध्या, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। यह कार्यक्रम अयोध्या के धार्मिक महत्व को और बढ़ाता है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।
रामायण मेला: एक सांस्कृतिक और धार्मिक पर्व
रामायण मेला हर साल अयोध्या में आयोजित होता है, और इस आयोजन के दौरान पूरी अयोध्या में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का माहौल रहता है। इस मेले में रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित नाट्य प्रदर्शन होते हैं, जिसमें राम, सीता, रावण और अन्य प्रमुख पात्रों के जीवन को जीवंत किया जाता है। यह मेला न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
रामायण मेला के दौरान, अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, राम कथा, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जो भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत करते हैं। इस वर्ष भी रामायण मेला के आयोजन को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं।
5 दिसंबर से 8 दिसंबर तक होगी भव्य शुरुआत
रामायण मेला का उद्घाटन 5 दिसंबर को होगा, और यह 8 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान अयोध्या में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मचेगी। मेले के उद्घाटन सत्र के बाद, कई प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यकम होंगे। खासकर रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां, लोकगीत और भजन-कीर्तन होंगे, जिनमें विशेष तौर पर संत महात्मा और धर्माचार्य शामिल होंगे।
रामायण मेला समिति ने बताया कि इस बार मेले में खासतौर पर युवाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, महिलाओं और बच्चों के लिए भी विशेष आयोजन होंगे, जिससे वे इस महान धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व का हिस्सा बन सकें।
रामायण मेला का महत्व
रामायण मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह अयोध्या और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस मेले के माध्यम से पूरे भारत में रामायण के संदेश और राम की आदर्श जीवनशैली को फैलाने का प्रयास किया जाता है। यह मेला अयोध्या की धरती को और भी पवित्र बनाता है और श्रद्धालुओं को भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों से अवगत कराता है।
रामायण मेला अयोध्या के लिए एक बडी आर्थिक संजीवनी भी साबित होता है। हर साल इस मेले के दौरान हजारों पर्यटक अयोध्या आते हैं, जिससे यहां के स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ होता है। इससे न केवल अयोध्या के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है, बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं।
रामायण मेला के कार्यक्रम और तैयारियां
रामायण मेला समिति ने इस बार के आयोजन के लिए कई नई योजनाएं बनाई हैं। मेले के दौरान विशेष रूप से रामलीला के आयोजन पर जोर दिया जाएगा, जिसमें रामायण के विभिन्न प्रसंगों को नाटकीय रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, रामायण मेला में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, काव्य पाठ, और धार्मिक प्रवचन भी होंगे, जिनमें देश भर से श्रद्धालु और दर्शक हिस्सा लेंगे।
वहीं, अयोध्या में इस समय राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया भी जारी है, और रामायण मेला का आयोजन इस ऐतिहासिक मौके पर विशेष महत्व रखता है। भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है, और यह मेला इस धार्मिक माहौल को और भी प्रगाढ़ करता है।
रामायण मेला: एक ऐतिहासिक आयोजन
रामायण मेला की शुरुआत एक लंबे समय पहले हुई थी, और तब से लेकर अब तक यह आयोजन अयोध्या की धार्मिक संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इस मेले के जरिए न केवल रामायण के विषय में जानकारी दी जाती है, बल्कि यह आयोजन पूरी दुनिया में अयोध्या और हिंदू धर्म के महत्व को भी प्रदर्शित करता है।
यद्यपि इस बार के मेला आयोजन को लेकर उम्मीदें बहुत बड़ी हैं, लेकिन इसको सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन और मेला समिति पूरी तरह से तैयार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस आयोजन में रुचि और समर्थन यह दर्शाता है कि राज्य सरकार इस सांस्कृतिक धरोहर को लेकर कितनी गंभीर है।
इस बार का रामायण मेला अयोध्या की धार्मिक विरासत को और भी ज्यादा उजागर करेगा और श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा।
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