बैरागढ़ में एक भी रैन बसेरा नहीं, ठंड में ठिठुरने को मजबूर गरीब वबेसहारा, अपावा की राहत भी नहीं

संत हिरदाराम नगर स्टेशन परिसर में बेसहरा लोग रात में यूं पड़े रहते हैं। -नवदुनिया

पर प्रकाश डाला गया

  1. स्टेशन परिसर व फर्मामी ही गरीबों का आसरा।
  2. ठंड के बावजूद देखने की व्यवस्था नहीं हो रही।
  3. डेजर्ट्स साल यूनिवर्सल हॉल बनाया गया था अल्प थौर।

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। नगर निगम के बैरागढ़ जोन में एक भी रैन बसेरा नहीं है। उधर, विस्फोट ज़ोर धमाका लगी है। ऐसे में गरीब एवं बेशहरा लोगों के लिए रेलवे स्टेशन, पूर्वोत्तर केंद्र एवं बांस ही आसरा बने हुए हैं। ज़बरदस्त बढ़ोतरी हो रही है, अभी तक देखने की व्यवस्था भी नहीं बताई गई है।

क्रेडके की ठंड शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में पारा और तूफान की संभावना है। ऐसे में बैसहारा, गरीब सागर के पास खुले आकाश में रात के ठहरने का स्थान के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बैरागढ़ जोन में वार्ड क्रमांक तीन, चार एवं पांच हैं। किसी भी वार्ड में रेन बसेरा नहीं है। पिछले वर्ष नगर निगम ने थधाराम ज्ञानचंदानी सोसायटी भवन में अल्पायन बसेरा बनाया था। सामाजिक संस्था के सहयोग से यहाँ पर चन्द्रा एवं गद्दों की व्यवस्था की गई थी। इस बार अभी तक यह व्यवस्था नहीं बताई गई है।

पूर्वोत्तर केंद्र के बाहरी सहयोगी मिले बुजुर्ग

सोमवार की रात करीब नौ बजे संत हिरदाराम नगर रेलवे स्टेशन के केंद्र बिंदु में बुजुर्ग ठंड से कंपकपाते नजर आए। कोई आशियाना नहीं है. इसलिए यहां रात गुजरातना मजबूरी है। स्टेशन के टिकट काउंटर के पास भी देर रात को बेसहरा लोग नजर आते हैं। बैरागढ़ मेन रोड पर रात करीब 11 बजे ऑफिस के डिपो बंद होते हैं। देहरादून के सामने ख़ाली जगह पर भी मुसाफ़िर और बेसहारा लोग आराम से आते हैं। सिविल अस्पताल के गेट के पास भी पवित्र आश्रय स्थल के दर्शन होते हैं।

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हलालपुर बस स्टैंड 15 बेड पर

नगर निगम ने पांच साल पहले हलालपुर बस स्टैंड पर आश्रय स्थल बनाया था। जॉन रेंजर 20 में इस रेन बसेरे में 15 बिस्तर शामिल हैं। बस स्टैंड पर रात के समय कई गरीब यात्री भी यात्रा से उतरते हैं। दिसंबर से फरवरी माह तक यहां लोग रात को गुजरात जाने के लिए जगह नहीं ढूंढते। बैरागढ़ एवं गांधीनगर बस स्टैंड के पास भी नया रैन बसेरा बनाने की जरूरत महसूस हो रही है।

जल्द ही रैन बसेरा बन जाएगा

बैरागढ़ के थधाराम कम्यूनिटी हॉल में जल्द ही छोटी रेन बसेरा बनाई जाएगी। हॉल अभी भी खाली है। यहां दो कर्मचारी भी जुड़ेंगे, ताकि बेसहारा लोगों को कोई परेशानी न हो। औद्योगिक क्षेत्र में स्थायी रैन बसेरा बनाने का प्रस्ताव नहीं है।

– विक्रम झा, जोनल अधिकारी जोन एक

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