Lucknow भारत की राजधानी उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर लखनऊ में एक चौकाने वाला ठगी का मामला सामने आया है। इस घोटाले में एक महिला ने खुद को एक आईएएस अफसर की पत्नी बताकर न केवल महिलाओं को जाल में फंसाया, बल्कि उन्हें करोड़ों रुपये की चपत भी दी। यह मामला अब इंदिरानगर थाने में FIR के रूप में दर्ज हो चुका है, और पुलिस इसकी जांच कर रही है।
यह कहानी उस महिला की है जिसका नाम रश्मि सिंह है। रश्मि सिंह ने अपनी चालाकियों से एक ऐसा जाल बुना, जिसमें कई महिलाएं फंस गईं। इस महिला ने पहले एक किटी पार्टी बनाई, जिसमें महिलाओं को अपनी तरफ आकर्षित किया। खुद को एक प्रभावशाली IAS अफसर की पत्नी बताते हुए रश्मि ने धीरे-धीरे कई महिलाओं का विश्वास जीता और फिर उन्हें बड़े पैमाने पर ठगने का काम शुरू कर दिया।
कैसे रश्मि ने ठगी की शुरुआत की?
रश्मि सिंह ने सबसे पहले एक आलीशान कोठी में रहकर और महंगी गाड़ियों के सहारे अपनी शानो-शौकत का प्रदर्शन किया। इससे उसे अपने आसपास की महिलाओं का ध्यान खींचने में मदद मिली। उन्होंने खुद को आईएएस अफसर की पत्नी बताते हुए महिलाओं से मेलजोल बढ़ाया और फिर किटी ग्रुप में शामिल होकर धीरे-धीरे अपनी साजिशों को अंजाम देना शुरू किया। इस किटी ग्रुप में शामिल महिलाओं के बीच विश्वास का माहौल था, और यह विश्वास रश्मि सिंह के लिए सोने पे सुहागा साबित हुआ।
ठगी का खेल: महिलाओं से लाखों रुपये ऐंठने की कहानी
रश्मि सिंह का एक और खास तरीका था महिलाओं को अपने जाल में फंसाने का। उसने महिलाओं से उनके व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाई और फिर अपनी कथित “समझ” और “संपर्कों” के जरिए उन समस्याओं को हल करने का वादा किया। सबसे पहले उसने एक महिला, नेहा गाडरु से संपर्क किया। नेहा को रश्मि ने अपनी किटी पार्टी में शामिल किया और अपनी कथित अफसरन पत्नी के रूप में भरोसा दिलाया।
रश्मि सिंह ने नेहा से यह कहकर 19 लाख रुपये लिए कि वह उसके बेटे की पायलट बनने की फीस और बेटी की एमबीबीएस की फीस के लिए यह रकम उधार मांग रही है। पहले तो रश्मि ने नेहा को पांच लाख रुपये वापस किए, लेकिन बाकी 14 लाख रुपये मांगने पर रश्मि ने ना केवल उसे तंग किया, बल्कि उसे धमकी भी दी। रश्मि ने नेहा को नोटिस भेजकर यह कहा कि यदि उसने पैसों की बात की तो वह उसे पुलिस केस में फंसा देगी।
क्या जांच में खुलासा हुआ?
नेहा की शिकायत पर जब इंदिरानगर थाने में FIR दर्ज हुई, तो पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की। पुलिस को पता चला कि रश्मि सिंह के पास इंदिरानगर के बाल बिहार कॉलोनी में एक आलीशान कोठी है और पांच महंगी गाड़ियां भी हैं। यह सारी संपत्ति उसे ठगी की कमाई से मिली थी। यह भी पता चला कि रश्मि सिंह ने सिर्फ नेहा से ही नहीं, बल्कि अन्य महिलाओं से भी पैसे ऐंठे थे।
एक अन्य महिला ने भी पुलिस को बताया कि रश्मि ने पैसे मांगने पर उसे आत्महत्या करने की धमकी दी थी और साथ ही यह भी कहा था कि अगर उसने पैसे का पीछा किया तो वह उसे फर्जी आरोपों में फंसा देगी और पुलिस केस में डाल देगी। रश्मि ने हमेशा पैसे नकद में ही लिए और कभी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से बचती थी, ताकि कोई सुराग न छोड़े।
महिला ठग की साजिश
रश्मि सिंह का यह ठगी का तरीका और साजिश पूरी तरह से प्लान की हुई थी। वह जानती थी कि जब महिलाओं को विश्वास में लिया जाता है तो वे न केवल अपने पैसे, बल्कि अपनी भावनाएं भी उस व्यक्ति पर खर्च करने को तैयार हो जाती हैं। यह सारा मामला उस वक्त सामने आया जब एक महिला ने अपनी रकम वापस मांगी और फिर रश्मि की सच्चाई सामने आ गई।
हालांकि, यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि रश्मि सिंह और उसके पति अशोक सिंह का इस मामले में कितना हाथ था, लेकिन पुलिस की जांच के बाद इस मामले के कई और पहलू सामने आ सकते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
फिलहाल, पुलिस ने रश्मि सिंह और उसके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने यह भी कहा है कि वह अन्य महिलाओं से भी अपील करती है जो रश्मि सिंह के संपर्क में रही हों, वे सामने आएं और अपना बयान दर्ज कराएं। इसके साथ ही पुलिस ने यह भी बताया कि रश्मि सिंह के खिलाफ कई ठगी के मामले हो सकते हैं, जिनमें अभी तक किसी ने शिकायत नहीं की है।
महिला अपराध और जालसाजी के बढ़ते मामले
यह घटना समाज में बढ़ती महिला अपराधों और जालसाजी के मामलों की एक और मिसाल बन गई है। महिलाओं के साथ ठगी और धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसमें नए तरीके और तकनीकें अपनाई जा रही हैं। रश्मि सिंह का मामला यह साबित करता है कि महिलाएं भी जालसाजी और ठगी में माहिर हो सकती हैं, और ऐसी घटनाओं में संलिप्त हो सकती हैं, जिनका किसी को भी विश्वास नहीं होता।
यह मामला न केवल महिलाओं के प्रति अपराध की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके प्रति अपराध के मामलों में जागरूकता की आवश्यकता को भी सामने लाता है। पुलिस और समाज को इन घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसे ठगों को गिरफ्तार करके सजा दिलवानी चाहिए।
रश्मि सिंह और उनके पति के खिलाफ दर्ज एफआईआर यह साबित करती है कि कोई भी बाहरी दिखावे और प्रभाव से महिलाओं को धोखा दे सकता है। यह कहानी उन महिलाओं के लिए एक चेतावनी है जो इस प्रकार के लोगों से प्रभावित हो सकती हैं। पुलिस की कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले में न्याय मिलेगा और ठगी करने वाली महिला को सजा दिलाई जाएगी।