Bareilly बृहस्पतिवार को बरेली के फन सिटी वाटर पार्क में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। हल्द्वानी के केवीएम स्कूल से आए टूर के दौरान, 12वीं कक्षा की छात्रा अंजली रावत की स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल उसके परिवार को, बल्कि पूरे स्कूल और इलाके को सदमे में डाल दिया है।
कैसे हुआ हादसा?
हल्द्वानी के केवीएम स्कूल के उप प्रधानाचार्य एकता साह के नेतृत्व में कक्षा 9 से 12 तक के लगभग ढाई सौ छात्रों का एक टूर बरेली के फन सिटी वाटर पार्क में आयोजित किया गया था। चार बसों में सवार होकर ये बच्चे सुबह यहां पहुंचे और मौज-मस्ती के बीच दिन बिता रहे थे।
इसी दौरान, अंजली (17) एक स्लाइडिंग स्विमिंग पूल से पानी में गिरी और डूब गई। वहां मौजूद लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अंजली को तुरंत बरेली के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अंजली के पिता, नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह रावत, कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात हैं और वर्तमान में शाहजहांपुर में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। उनका परिवार हल्द्वानी के मुखानी थाना क्षेत्र के नैनी व्यू कॉलोनी में रहता है। अंजली के परिवार में उसकी मां सरिता और 10 वर्षीय भाई हिमांशु भी हैं। हिमांशु भी उसी स्कूल में कक्षा पांच का छात्र है।
अंजली की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने इसे स्कूल प्रशासन की लापरवाही बताते हुए आरोप लगाया है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे।
स्कूल प्रशासन पर सवाल
परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया। इतना बड़ा टूर आयोजित करने के बावजूद, न तो कोई प्रशिक्षित लाइफगार्ड तैनात था और न ही बच्चों पर पर्याप्त निगरानी रखी गई।
वहीं, स्कूल प्रशासन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उप प्रधानाचार्य एकता साह और अन्य शिक्षकों ने कहा कि सभी आवश्यक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, लेकिन यह एक आकस्मिक घटना थी।
स्थानीय पुलिस की कार्रवाई
अंजली के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर दी है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। हल्द्वानी पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
इस घटना ने वाटर पार्क में सुरक्षा मानकों और स्कूल टूर के दौरान बच्चों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि:
- प्रशिक्षित स्टाफ की कमी: वाटर पार्कों में प्रशिक्षित लाइफगार्ड और बचाव कर्मियों की तैनाती अनिवार्य होनी चाहिए।
- स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी: किसी भी टूर के दौरान शिक्षकों और गाइड्स को छात्रों पर लगातार नजर रखनी चाहिए।
- सुरक्षा उपकरणों का अभाव: वाटर पार्कों में सुरक्षा उपकरण जैसे लाइफ जैकेट का उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।
क्या इस घटना से सबक लेंगे स्कूल और पार्क प्रबंधन?
इस दुखद घटना ने स्कूलों और पार्क प्रबंधन को अपनी जिम्मेदारियों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया है। हल्द्वानी के केवीएम स्कूल जैसे बड़े संस्थानों को बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं, वाटर पार्कों को भी अपने सुरक्षा मानकों को सुधारने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
अतीत में ऐसे हादसे
यह पहली बार नहीं है जब किसी वाटर पार्क में ऐसा हादसा हुआ हो। हाल ही में देश के अन्य हिस्सों में भी बच्चों और युवाओं के साथ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।
- 2023, दिल्ली: एक बड़े वाटर पार्क में 10 वर्षीय बच्चे की डूबने से मौत।
- 2022, पुणे: एक महिला पर्यटक की स्लाइडिंग के दौरान पानी में डूबकर जान चली गई।
- 2021, जयपुर: स्कूल टूर पर गए दो छात्रों की डूबने से मौत हुई।
सुरक्षा के उपायों की जरूरत
ऐसे हादसों से बचने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है:
- सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन: सभी वाटर पार्कों को सख्त सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।
- स्कूलों की सतर्कता: स्कूल प्रबंधन को बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रोटोकॉल लागू करने चाहिए।
- अभिभावकों की जागरूकता: माता-पिता को टूर के दौरान सुरक्षा इंतजामों के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए।
बरेली के फन सिटी में हुआ यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए गहरे दुख का कारण बना, बल्कि हमारे समाज के लिए भी एक चेतावनी है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही की कीमत एक मासूम की जान के रूप में चुकानी पड़ी। अब समय आ गया है कि स्कूल, अभिभावक, और प्रशासन मिलकर इन घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।