HighLights
- स्कूली बच्चों को नशे के जाल में धकेल रहे पानठेले, छात्रा का युवक संग नशा खरीदने का वीडियो आया सामने
- स्कूली बच्चों को नशे के जाल में धकेल रहे पानठेले, छात्रा का युवक संग नशा खरीदने का वीडियो आया सामने
- स्कूल के पास पानठेलों पर नाबालिग बच्चों को बेचा जा रहा है नशे का सामान
नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के आसपास पानठेले नहीं होने चाहिए, इसके अलावा ठेले व दुकानों में नाबालिगों और स्कूली बच्चों को नशे का सामान नहीं बेचने के नियम हैं। जिस पर सख्ती बरतने के दावे जिला प्रशासन और पुलिस के द्वारा किए जाते रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहानी बयां कर रही है। नईदुनिया की टीम को एक वीडियो मिला, जो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। इस वीडियो ने पुलिस और प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दिया है। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि, एक स्कूली छात्रा को पानठेला संचालक नशे का सामान बेच रहा है। लड़की स्कूल ड्रेस में है और उसके साथ एक युवक भी मौजूद है। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अक्सर इन ठेलों में नाबालिगों को नशे का सामान खरीदते देखा जा सकता है। साथ ही, हर समय इस जगह नशेड़ियों का जमघट देखा जा सकता है।
बिलासपुर के गुंबर पेट्रोल पंप के पीछे और सेंट जेवियर स्कूल रोड पर स्थित पानठेले पर नाबालिग बच्चों और स्कूली छात्रों को नशे का सामान बेचे जाने की घटना के वीडियो पर गंभीरता से ध्यान आकर्षित हुआ है। हाल ही में सामने आए एक वीडियो ने इस समस्या की गंभीरता को और बढ़ा दिया है, जिसमें एक स्कूली बच्ची को एक युवक के साथ नशे का सामान खरीदते हुए देखा गया है। यह वीडियो प्रशासन और समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि इसमें नाबालिग बच्चों को नशे के जाल में फंसते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
आवश्यक तथ्य-
कानूनी प्रावधान: नाबालिगों को नशीले पदार्थ बेचना अपराध, पर प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं
वीडियो का खुलासा: स्कूली बच्ची युवक संग नशा खरीदते दिखी, समाज के लिए गंभीर चेतावनी
प्रशासन की भूमिका: पुलिस और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता, इलाके में नियमित गश्त बढ़ाने की मांग
समाधान और सुझाव: दुकानदारों पर कार्रवाई, जागरूकता अभियान और पुलिस की सक्रिय निगरानी से ही संभव होगी रोकथाम
नियम और कानूनी प्रावधान
किशोर न्याय अधिनियम, 2015:
इस अधिनियम के तहत नाबालिगों को किसी भी प्रकार का नशा या मादक पदार्थ बेचना या उनकी सुविधा में शामिल होना कानूनी रूप से अपराध है। ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003:
स्कूलों के आसपास 100 मीटर के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना पूर्णतया प्रतिबंधित है। यह अधिनियम सीधे तौर पर उन दुकानदारों पर लागू होता है जो बच्चों को इन उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं।
वीडियो से स्थिति की गंभीरता
इस वीडियो के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे नाबालिग बच्चों तक नशीले पदार्थ आसानी से पहुंच रहे हैं। एक स्कूली बच्ची को युवक के साथ नशे का सामान खरीदते हुए देखना न केवल सामाजिक चिंता का विषय है, बल्कि यह पुलिस और प्रशासन के लिए कार्रवाई की मांग भी करता है। यह घटना बताती है कि दुकानदारों को न तो कानून का भय है और न ही बच्चों के भविष्य की चिंता।
लगातार हो रही कार्रवाई की मांग
इस मामले में पुलिस और प्रशासन को वीडियो का संज्ञान लेते हुए त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। वीडियो के आधार पर दोषियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया जाना चाहिए। साथ ही, ऐसे इलाकों में पुलिस को नियमित गश्त बढ़ानी चाहिए और नाबालिगों को नशीले पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। स्थानीय लोगों की माने तो इसे लेकर कई बार मौखिक शिकायत की जा चुकी है, इसके बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
समाधान के सुझाव:
वीडियो का उपयोग करके पहचान और कार्रवाई:
वीडियो में दिखाई दे रहे युवक और दुकानदार की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही, दुकानों की निरंतर निगरानी के लिए स्थानीय प्रशासन को कदम उठाने चाहिए।
सामाजिक जागरूकता अभियान:
स्कूलों और समाज के स्तर पर नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। बच्चों और अभिभावकों को नशे के खतरे के बारे में जानकारी देना अत्यंत आवश्यक है।
पुलिस की सक्रिय भूमिका:
स्कूलों के आसपास पुलिस की गश्त बढ़ानी चाहिए और नियमित रूप से छापेमारी करनी चाहिए ताकि नाबालिग बच्चों को नशे के सामान तक पहुंचने से रोका जा सके।
वर्जन
वीडियो को गंभीरता से लिया जा रहा है। ठेला संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे दुकानदारों पर लगातार कार्रवाई भी की जा रही, जो नाबालिगों को नशे का सामान उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस टीम लगातार स्कूल, कालेज व शैक्षणिक संस्थानों के आसपास पेट्रोलिंग कर रही और असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई भी कर रही।
प्रदीप आर्य
थाना प्रभारी, सिविल लाइन