पर प्रकाश डाला गया
- वकील ने लाहौर हाई कोर्ट में आर्किटेक्ट की याचिका दायर की
- उच्च न्यायालय में गुरुवार को अहम सुनवाई संभव
- साल-दर-साल गरीबी से मुक्ति पाकिस्तान
एजेंसी, लाहौर (पाकिस्तान समाचार)। पाकिस्तान के लाहौर हाई कोर्ट में एक वकील ने पूरे देश में मुसलमानों के लिए मिनिमम दलाली की मांग को लेकर पर्चा दाखिल किया है। वकील फहमीद नवाज़ नवाज़ का आरोप है कि अगर पाकिस्तान में सरकार न्यूनतम वेतन दर 1000 डॉलर है, तो देश की गरीबी मिट जाएगी।
रविवार को फाइल निकल जाती है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होती है। पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा समय में 37,000 रुपये न्यूनतम वेतन निर्धारित किया गया है। 1000 डॉलर प्रतिमाह बनाने का मतलब होगा कि इस राशि को 2.80 लाख रुपये प्रतिमाह कर देना।
डेट ने दी ये डेलीगेट
वकील फहमीद नवाज़ अब्बासी ने दस्तावेजों में खुलासा किया कि आज़ादी से पहले पाकिस्तान एक उपनिवेश था और वह ब्रिटेन के अधिकांश जंगलों को भी शामिल करते हुए न्याय प्रणाली का मालिक था।
उपज का तर्क है कि पाकिस्तान में भी वेतन-भत्ते अमेरिका और ब्रिटेन के बराबर होना चाहिए। 1000 डॉलर प्रति माह की न्यूनतम आबादी से लेकर देश में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
पाकिस्तान की स्थिति लगातार ख़राब होती जा रही है
- विश्व बैंक ने इसी साल जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले एक साल में 12.5 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं और अब देश की लगभग 40% आबादी अपनी आबादी को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही है।
- रिपोर्ट में पाकिस्तान सरकार से एनर्जी स्टेप लिफ्ट का आग्रह किया गया है। पाकिस्तान विभिन्न आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है और उसकी वित्तीय स्थिरता खतरनाक बनी हुई है।
- पाकिस्तान में सिर्फ एक साल में गरीबी 34.2% और गरीबी 39.4% बढ़ी। साथ ही 12.5 मिलियन से अधिक लोग $3.65 दैनिक आय स्तर की गरीबी रेखा से नीचे चले गये।
- लगभग 95 मिलियन फिल्में अब गरीबी में हैं। पाकिस्तान में दक्षिण एशिया में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और दुनिया में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है।
पाकिस्तान आज गंभीर आर्थिक और मानव विकास संकट का सामना कर रहा है, और एक ऐसा बिंदु है, जहां बड़े पैमाने पर नीतिगत बदलाव की आवश्यकता है। पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अब गरीबी कम नहीं हो रहा है और जीवन स्तर समकक्ष देश से पीछे हो गया है। – टोबियास हक, विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री