पर प्रकाश डाला गया
- बेंगलुरु में भारत 46 रन पर आउट हो गया।
- पुणे में यह मैच न्यूजीलैंड ने 113 रन से जीता था।
- 1 नवंबर को भारत में वानखेड़े के लिए जीत जरूरी है।
डिजिटल डेस्क, रेस्तरां। टीम इंडिया हाल के टेस्ट क्रिकेट में एकबेटर्स वाली स्थिति का सामना कर रही है। न्यूजीलैंड ने भारत को सीरीज में एक बड़ा उलटफेर करते हुए 2-0 से बढ़त दिला दी है।
भारत में 60-70 साल में केवल दो टेस्ट वाली न्यूजीलैंड ने बेंगलुरु में पहले मैच में भारत को 8 विकेट से हराया था, जिसमें भारतीय टीम सिर्फ 46 रन पर आउट हो गई थी। यह उनकी घरेलू धरती पर सबसे छोटा स्कोर है। पुणे में खेले गए दूसरे टेस्ट में भी न्यूजीलैंड ने 113 रन से जीत हासिल कर ली, जिससे भारत ने 2012 के बाद पहली बार घरेलू सीरीज गंवाई।
92 साल के इतिहास में भारतीय टीम के साथ ये नहीं हुआ
अब भारतीय टीम पर एक बड़ा संकट मंडरा रहा है। उनके सामने मुंबई वाले फाइनल टेस्ट मैच में क्लीन बोल्ड होने का खतरा है। भारतीय क्रिकेट के 92 साल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि उन्होंने तीन या एक से अधिक टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज में क्लीन बोल्ड का सामना किया हो। अब तक भारत ने कई फिल्में बनाई हैं, जिनमें ड्रू खेला है या फिर एक-दो मैच जीते हैं।
हालाँकि, 2000 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 मैच की सीरीज़ में उन्हें क्लीन डीप का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम मुंबई में न्यूजीलैंड से हार गई, तो बहुत शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
टीम को नए उत्साह के साथ मैदान पर उतरने की जरूरत है
1 नवंबर से वानखेड़े स्टेडियम में शुरू होने वाले फाइनल टेस्ट में भारत को अपनी प्रतिष्ठा और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखने के लिए जीत हासिल करनी होगी। कैप्टन रोहित शर्मा और कोच गौतम सीरियस को अब टीम में नए उत्साह प्लाजा मैदान पर उतरने की जरूरत है, ताकि वे इस संकट से उभरे हुए घोड़े बन सकें।
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