”दाना” नेका धान का ”दाना”

पर प्रकाश डाला गया

  1. 30 किमी प्रति घंटे की बर्फबारी से चली हवा और बारिश से धान को नुकसान
  2. बंगाल की खाड़ी से उठे ‘दाना तूफान’ का असर उत्तर छत्तीसगढ़ में
  3. धान की बालियाँ सरकार में ही पसर जाती हैं

नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: बंगाल की खाड़ी से उठने वाले दाना तूफान का असर उत्तर छत्तीसगढ़ में और 30 किमी प्रति घंटे की बारिश से चली हवा और बारिश से धान की फसल को नुकसान पहुंच रहा है। हाइब्रिड धान जो छोटे कद के होते हैं वह तो बच गए पर धान की बालियां पक गईं जहां वह काले हो गए हैं। परम्परागत स्वामित्व वाले धाम जो विशेषताएँ उत्पन्न करते हैं वे हवा से जमीन पर पसार हो जाते हैं जिससे फसल को नुकसान पहुँचता है।

दाना तूफ़ान के असर से उत्तर छत्तीसगढ़ में किसानों को नुकसान हुआ है। धान के दाने काले पड़ जायेंगे और चावल की गुणवत्ता भी खराब होगी। अंबिकापुर शहर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इसका सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिलता है। शहर के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों पर इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया, इस कारण धान की बालियां अपने घरों में ही पसार हो गईं। विश्वव्यापी पारंपरिक धान जीराफुल, काला जीरा वरा लंबे कद के धान को नुकसान पहुंचाता है। शहर से लगे ग्राम खैरबार में शामिल हैं बिहार के सीआरपीएफ के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह, सुशील, मोरिस के आदेश में जीराफुल और अन्य कृषकों के धान को काफी नुकसान हुआ है। दाना तूफ़ान के असर से हुई बारिश और तेज़ हवा से किसान परेशान हैं

बता दें, बारिस धान की फसल अच्छी है। पिछले साल बारिश के कारण किसानों ने समय दिया था और अब अगेती चावल के धान पकाने की स्थिति में है, वहीं से देर रात तक मसाले वाली धान में भी बालियां निकल गई हैं, ऐसे समय में हुई बारिश और तेज हवा से किसानों को नुकसान हो रहा है।

नाटे कद के धान को कम नुकसान

हाइब्रिड व दस्तावेजीकरण बीज निर्धारण वाले किसानों को कम नुकसान पहुंचाता है। कम पेडल वाले धान के तने भी मोटे होते हैं, कम पेडल वाले धान के पेडल भी अधिक होते हैं। उसके तने आम होते हैं, इस कारण हवा और दिशानिर्देश में अधिक शब्दावली से वे पासर जाते हैं।

कम हो रहा गोदाम धान का रकबा

थोक किसान साल भर घर के उपयोग के लिए एक, दो नारियल में ही यह विकल्प हैं। उत्पाद कम होने के कारण लोग मिशिगन की ओर से अधिकतर प्रमुख स्थान रखते हैं। इस वजह से ये मछलियां अब ऑपरेट भी हो रही हैं। कुछ किसानों ने अपनी खेती के सीजन में उन्हें भी चौपट कर दिया है।

तूफ़ान का असर कम हुआ पर बादल छाए रहेंगे

दाना का तूफ़ान अचानक सामने आया है, क्योंकि अभी तक आसमान में दोस्ती बनी हुई है। के बाद ही स्काई साफ होगा। सोमवार को मौसम सुबह से खुल गया, बारिश नहीं हुई। कभी धूप कभी छांव की स्थिति पूरे दिन बनी रही।

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