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चुनाव आयोग ने झारखंड के प्रमुख मुगल अनुराग गुप्ता को हटाने का निर्देश दिया

Election Commission Gave Instructions To Remove Jharkhand In Charge DGP Anurag Gupta

रांची। भारत के निर्वाचन आयोग (चुनाव आयोग) ने झारखंड के वैधानिक अनुदान अनुराग गुप्ता को अपना पद छोड़ने का निर्देश दिया है। आयोग ने अपने स्थान पर अचल संपत्ति के सबसे पुराने छात्रों को इस पद का तीर्थ स्थान दिया है। इस आदेश के बाद अजय कुमार सिंह को एक बार फिर से रियासत पद पर स्थापित किया जाना तय माना जा रहा है। माना जा रहा है कि आज ही राज्य सरकार इस संबंध अधिसूचना में निर्गत कर देवी। बताया जा रहा है कि अनुराग गुप्ता (अनुराग गुप्ता) को अयोग्य पद से हटाने के पीछे दो कारण हैं। एक तो यह कि गुप्ता को 24 जुलाई 2024 को अधिगृहीत संपत्ति के रूप में पद पर नियुक्त किया गया था। दूसरी वजह यह बताई जा रही है कि चुनाव आयोग में उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पूर्व में साओजामी चुनाव को लेकर हॉर्स ट्रेडिंग केश में भी अविश्वास प्रस्ताव के आरोप लगे थे। हालांकि इस मामले में उन्हें बाद में क्लीन चिट मिल गई थी। अनुराग गुप्ता के पहले 1989 में बेकसूर अजय कुमार सिंह (अजय कुमार सिंह) राज्य के राजा थे। उन्हें पद से हटा दिया गया, हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय में एक शिलालेख के अवशेष मिले थे। इसकी सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने विशेषाधिकार प्राप्त गुप्ता को भी नोटिस जारी किया था। शेष नामांकित आवासीय नरेश मकानी की ओर से दस्तावेजों का खुलासा किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है।

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हाउसकी ने अपनी याचिका में कहा कि 3 जुलाई, 2018 को दिए गए संदेश में रियासत पद (डीजीपी पोस्ट) पर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की पुष्टि की गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी राज्य को जमीन की इजाजत नहीं दी जाएगी। याचिका में यह भी कहा गया है कि यह पहली बार नहीं है जब झारखंड सरकार ने राज्य को अहम पद पर तदर्थ एनजीओ की तरह पेश किया है। इससे पहले 8 जून 2019 को अचूक रियासत केन अगुआ को डीएमडी (आधुनिकीकरण) कैंप, नई दिल्ली के पद पर स्थानांतरित किया गया था और उनकी जगह 1987 में बैच के अधिकारी एमवी राव (एमवी राव) को नियुक्त किया गया था। फिर से राव को हटा दिया गया और 12 फरवरी 2021 को उनके स्थान पर नीरज सिन्हा को नियुक्त किया गया। इन दोनों नियुक्तियों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। सिन्हा ने 12 फरवरी 2023 को अपना दो साल का सफर पूरा कर लिया, जिससे 15 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह का थिएटर का रास्ता साफ हो गया। इन सभी नियुक्तियों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।