नईदुनिया प्रतिनिधि, प्रतिनिधि। इन दिनों लगातार साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में डिजिटल अरेस्ट, ओटीपी के जरिए रियल एस्टेट जैसे मामले सबसे ज्यादा देखे गए हैं।
लगातार बहुल इस तरह की घटनाओं को देखते हुए देश विदेश में साइबर स्टूडेंट अस्सल सक्सैना से नईदुनिया ने विशेष चर्चा की। यहां आप साइबर फ्रॉड से कैसे बच सकते हैं…
प्रश्न: कई बार फर्जी और अश्लील डीपफेक फोटो-वीडियो वायरल कर दिए गए हैं। इस पर एक्शन कैसे लें?
उत्तर: यदि कोई डीपफेक या फर्जी अश्लील वीडियो वायरल हो रहा है, तो इसके लिए एनसीएआई ऑर्गनाइजेशन की मदद ले सकते हैं। यह मेटा कंपनी के साथ समझौता है। आपको स्टॉप एनसीसीआइ पर एक फॉर्म भरना होगा।
जिस अकाउंट से वीडियो अपलोड किया गया है, उसका लिंक और अपलोड करना होगा। इसके बाद मेटा के सभी प्लेटफ़ॉर्म पर रेवेन्यू अकाउंट से वीडियो-फ़ोटो अपलोड किया जाएगा, वहां से एनसीएआई उसे गायब कर देगा।
सवाल: अगर किसी लड़की या महिला के साथ घटना होती है और उसे पहचानना है तो क्या विकल्प है?
यदि किसी लड़की के साथ इस तरह की घटना होती है और वह स्टेशन पर नहीं जाती है, तो वह अपनी पहचान छुपाकर जवाब देना चाहती है, तो वह केंद्रीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट cybercrime.gov.in की मदद ले सकती है। यहां शिकायत के बाद रिपोर्ट संबंधित अधिकारी तक पहुंचेगी और कार्रवाई होगी।
प्रश्न: डीपफेक वीडियो की पहचान कैसे की जा सकती है?
उत्तर: डीपफेक वीडियो हमेशा प्रभावित नहीं होते, कई बार ब्लर होते हैं। डीपफेक डिटेक्शन टूल के जरिए डीपफेक वीडियो की पहचान की जा सकती है। इसके साथ डीपफेक वीडियो की पहचान के लिए रिसर्च भी जारी है।
प्रश्न: मुस्लिम सामुद्रिक से कैसे राक्षसी, मुस्लिम समुदाय से मुलाकात की कितनी संभावना है?
उत्तर: साइबर क्लब के बाद ठग ने बार-बार जिस बैंक खाते में पैसा डाला है, वहां से उसे किसी अन्य खाते में सूचीबद्ध कर दिया जाता है। ऐसे में रैसमीमेल मिलने की संभावना काफी कम है।
यदि समय पर याचिका की जाए और धोखाधड़ी के खाते से राशि किसी अन्य खाते में अंकित न हो, तो पुलिस इस राशि को शेडो क्रेडिट के माध्यम से रोक सकती है और पीड़ित को राशिपत्र मिलने की संभावना बनी रहती है।
प्रश्न: डिजिटल स्टोर क्या है, इसे कैसे बचाया जा सकता है?
उत्तर: डिजिटल एरेस्ट एक तरह से साइकल एरेस्ट स्टोर है। पूर्व ठग से पहले संबंधित के बारे में पूरी तरह से शोध कर भुगतान होता है, उसके परिवार के बारे में जानकारी मौजूद है। ठग अधिकारी बात करता है और एक्शन न करने के लिए युवाओं से रुपए की मांग करता है।
कई बार की फ़र्ज़ी प्रतियों को ऑफिसियल तक जारी किया जाता है। कई लोगों के पास रजिस्ट्री कॉपी की जानकारी नहीं होती है और वे आसानी से ठगों के जाल में फंस जाते हैं। तीन छात्रावासों से इस पुस्तकालय को बचाया जा सकता है।
पहली पुलिस इस तरह से कभी-कभी कॉल नहीं करती है। दूसरा, ऑनलाइन डाउनलोड नंबर के जरिए उसकी सत्यता का पता लगाया जा सकता है और तीसरा, जिस नंबर पर कॉल आया है, उसे सर्च करके भी वेरिफाई किया जा सकता है।
सवाल: भारत में फोन समेत कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण विदेश से आते हैं। क्या ये भविष्य में साइबर नोट पर खतरा पैदा हो सकता है?
उत्तर: भारत में इलेक्ट्रिक उपकरण भी आते हैं, वे वेरिफाई बाजार में आते हैं। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि ये आतंकवादी साइबर सुरक्षा पर खतरा पैदा कर सकते हैं।