घुनाघुट्टा नदी में डूबने से मेडिकल छात्र की मौत,नहीं दिखी तैरना – Lok Shakti
October 16, 2024

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घुनाघुट्टा नदी में डूबने से मेडिकल छात्र की मौत,नहीं दिखी तैरना

पर प्रकाश डाला गया

  1. अंबिकापुर मेडिकल स्टूडेंट के स्टूडेंट में द्वितीय वर्ष की पढ़ाई चल रही थी
  2. छह अन्य मेडिकल छात्रों के साथ अवकाश अवकाश पर निकले छात्र-छात्राओं के साथ छह अन्य मेडिकल छात्र निकले थे
  3. जिस स्थान पर हादसा हुआ वहां की गहराई काफी अधिक थी

नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : मेडिकल वैज्ञानिक अंबिकापुर के द्वितीय वर्ष के छात्र ईशु चंद्राकर की रविवार सुबह घुनाघुट्टा नदी में स्नान के दौरान डूबने से मौत हो गई। मृतक के साथ छह अन्य मेडिकल छात्रों के साथ अवकाश लेकर नोटबुक के स्टॉक निकाले गए थे। उसे तैरना नहीं आता था. एक छात्र को सहपाठियों ने ही अन्य सुरक्षित बचा लिया। वह भी नदी में डूबा हुआ था। जिस स्थान पर हादसा हुआ वहां की गहराई काफी अधिक थी।

जानकारी के अनुसार कवर्धा के शिक्षक कलिवासी निवासी ईशु चंद्राकर द्वितीय वर्ष का छात्र था। वह मेडिकल जर्नल के छत्रवास में ही रहता था। दो दिन पहले उसने घर जाने के लिए छुट्टी ली थी। रविवार की सुबह वह बिलासपुर रोड स्थित घुनाघुट्टा नदी में डूबने की सूचना पुलिस व अंकिता प्रशासन को मिली। पुलिस एवं नामांकित के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर की भी सूचना। यहां इंजीनियरिंग की टीम और विद्यार्थियों की सहायता से छात्रों को बाहर भेजा गया। तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। मेडिकल छात्रों के शव को मेडिकल मेडिकल हॉस्पिटल के मोर्चरी में रखा गया है। मृतक के स्वजन देर शाम अंबिकापुर पहुंचे थे। सोमवार को मृतक के शव का अंतिम संस्कार। ईशु चंद्राकर की मृत्यु से पहले मेडिकल मेडिकल मैनेजमेंट में भी प्रवेश किया जा सकता है। प्रबंधन से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी मंडल से लेकर मेडिकल बेंचमार्क तक सक्रिय रहे।

छुट्टी लेकर सप्ताहांत से निकला था ईशु

मेडिकल छात्र ईशु चंद्राकर ने घर जाने के नाम पर 13 अक्टूबर तक की छुट्टी ली थी। इसके लिए बा कायदे में उन्होंने छत्रवास के वार्डन को आवेदन भी लिखा था। 11 अक्टूबर की रात वह छत्रवास से निकली थी। ईशु के साथ कुल सात मेडिकल छात्र थे। इनमें से तीन नामांक के हास्टल में रहते थे। एक बाहर किराए का कमरा लेकर रहता है। जबकि तीन छात्र सीनियर थे। सिद्धार्थ की पढ़ाई पूरी कर ली है। इसी सत्र में उन्होंने अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है। उनके परिणाम अभी तक नहीं आये हैं।

कुँवरपुर रेस्टोरेंट हाउस में रात को एकाकी के बाद लौट रहे थे शहर

पुलिस की जांच में पता चला कि शनिवार को सभी सात मेडिकल छात्र लखनऊ की ओर गये थे। लखनपुर से लगे कुँवरपुर बाँध क्षेत्र का चतुर्थांश निर्धारित किया गया था। ईशु चंद्राकर के साथ सौरभ चंद्रवंशी, मुकेश कुमार सोनी, प्रांजल पैकरा, कामेश सलाम, शुभम प्रधान और मनोहर साहूकार थे। कुँरपुर रेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम के बाद सुबह वे शहर आ रहे थे। रास्ते में घुनाघुट्टा नदी में संस्थान के लिए गए थे। इसी दौरान यह हादसा हो गया।

एक और छात्र नाव से बच गया

पुलिस ने मृतक ईशू के दोस्तों से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि सुबह लखनपुर क्षेत्र से अंबिकापुर आने के दौरान घुंघुट्टा नदी पर वे रुके थे। तीन छात्रों ने की थी संस्थान की तैयारी। इनमें से दो को तैरना नहीं आता था। ईशु संस्थान के लिए उतरा तो गहरे पानी में जाने लगा। उसके बचाव के लिए जो छात्र जा रहा था, उसे भी तैरना नहीं आता था। वह भी डूब गया था. तब नदी तट के तीसरे छात्र ने उसे पकड़ लिया। तब तक ईशु समुद्र पानी में चला गया था। आस-पास मौजूद गांव के मालिकों ने अपनी दुकान की स्थापना की। काफी देर बाद वह बाहर चला गया। तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी।