पहली बार पिट पीएस एक्ट की कार्रवाई, दो को जेल

पहली बार पिट पीएस एक्ट की कार्रवाई, दो को जेल

नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : अवैध शराब की बिक्री पर पूर्णतः रोक लगाने के उद्देश्य से अब और सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरगुजा कमिश्नर में पहली बार पिट पीएस एक्ट के तहत दो लोगों को तीन माह के लिए जेल भेज दिया गया है। इनमें मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के इशहाक कुरेशी नीना नंदी निवासी न्यू टिकरापारा गोदरीपारा चिरमिरी एवं सरगुजा जिले ब्रह्मपारा अंबिकापुर निवासी रेजिडेंट नामदेव शामिल हैं।

कमिश्नर कमिश्नर जीआर वीरेंद्र ने इन दोनों को एपिसोड की सुनवाई के बाद तीन महीने के लिए जेल भेज दिया है।

मादक द्रव्यों के सेवन के अवैध कारोबार पर लगातार कार्रवाई जारी है। इसके बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं जहां से इस धागे को बंद नहीं किया जा रहा है। ऐसे ही लोगों की पहचान कर पहली बार पिट पीएस एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित गर्ग ने शासन के नियमुरूप महिषी के व्यवसाय में सक्रिय लोगों को निरुद्ध करने के लिए पुलिस के माध्यम से प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से एमसीबी से दो, जिला सूरजपुर से तीन, सरगुजा से चार, बौद्ध से एक, कोरिया से दो प्रकरण प्रस्तुत किये गये थे।

प्रभारी आयुक्त जीआर चंद्रेद्र द्वारा विचार के बाद स्वैपक मेडिसिन और मन: सक्रिय पदार्थ व्यापार निषेध अधिनियम 1988 की धारा 10 के तहत 30 सितंबर को जिला एमसीबी के इशहाक कुरेशी नी नंदी और सरगुजा के अरूजा नामदेव को तीन माह के लिए आदेश दिया गया। निरुद्ध करने का आदेश दिया गया। आयुक्त ने कहा कि उक्त कार्रवाई का उद्देश्य नशे की लत के अवैध कारोबार में शामिल नशे की लत के आरोपियों पर पूरी तरह से रोक लगाना और उनमें भय का माहौल बनाना है ताकि युवाओं को नशीले पदार्थों की पहुंच से दूर रखा जा सके। नशे के कारोबार पर रोक जारी रहेगी।

जानिए क्या होता है पिट एनडीपीएस एक्ट

पिट यानी पी बॅक्स पीएस पी एस एक्ट 1988 उन गंभीर नशे का कारोबार करने वाले उद्योगों पर लगाया गया है जो लगातार उस अपराध में शामिल पाए जाते हैं। यह कार्रवाई शासन की ओर से होती है। यह उन साज़िशों के ख़िलाफ़ है जिन्हें फ़्लोरिडा जेल में बंद किया जाना बेहद ज़रूरी है। इसके तहत ऐसे फिल्मों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, जिसमें लगातार अवैध रूप से मादक द्रव्य का व्यापार, गतिविधि जारी है। तथा निरुद्ध के बिना ऐसे कार्य को निषेध के अन्य कोई विकल्प नहीं हो।

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