Moradabad के कटघर थाना क्षेत्र में पीतलनगरी के एक घर से तीसरी मंजिल से गिरकर 26 वर्षीय महिला स्नेहा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना रविवार रात 10:15 बजे की है। मृतका के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके पति और सास ने उसे धक्का देकर गिराया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हुई। इस घटना ने एक बार फिर दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा के गंभीर मुद्दों को उजागर किया है।
विवाह और परिवार का बैकग्राउंड
स्नेहा के परिवार का कहना है कि उसकी शादी 29 नवंबर 2023 को मुरादाबाद के रहने वाले एक युवक से हुई थी, जो पेशे से अधिवक्ता हैं और भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी हैं। शादी के बाद से ही उसके ससुराल वाले दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करते रहे हैं। स्नेहा के बड़े भाई मोहित ने बताया कि उसकी बहन ने शादी के बाद से लगातार परेशानियों का सामना किया और उसे ताने दिए जाते थे। इसके साथ ही, उसके पति और सास की ओर से शारीरिक प्रताड़ना भी होती थी।
स्नेहा का फोन कॉल और घटना
घटना से कुछ घंटे पहले, स्नेहा ने अपने मायके वालों को फोन किया और उन्हें बताया कि उसके साथ मारपीट की जा रही है। उसने अपने भाई को कहा कि उसे जल्द से जल्द वहां से ले जाया जाए, वरना उसे मार दिया जाएगा। यह फोन कॉल स्नेहा के लिए आखिरी संवाद साबित हुआ, क्योंकि इसके कुछ ही समय बाद उसकी मौत की खबर मिली। स्थानीय लोगों ने उसके परिवार को सूचित किया कि स्नेहा की तीसरी मंजिल से गिरने की सूचना मिली है।
अस्पताल में भागते ससुराली
जब स्नेहा को अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बीच, उसके ससुराल वाले वहां से बिना किसी जवाबदेही के भाग गए। स्नेहा के पिता मनोज शर्मा और उसके भाई जब अस्पताल पहुंचे, तो उन्होंने डॉक्टरों से पूरी जानकारी ली और फिर कटघर थाना में शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी ने कहा कि मृतका के परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज किया जा रहा है।
दहेज मांगने के आरोप
स्नेहा के पिता का आरोप है कि उसके ससुराल वाले उसे स्कार्पियो कार और 10 लाख रुपये लाने के लिए कह रहे थे। स्नेहा ने अपने बहनोई आशुतोष शर्मा को फोन पर कहा था कि “मुझे यहां से ले जाओ वरना यह लोग मुझे मार देंगे।” यह बात उस समय की है जब उसकी हत्या से कुछ ही देर पहले उसकी पिटाई की जा रही थी। इस प्रकार के दहेज मांगने के मामलों में समाज में चिंता का विषय बना हुआ है और इसे एक गंभीर अपराध माना जाता है।
पुलिस की कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता
पुलिस ने परिवार की तहरीर के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है। यह मामला केवल स्नेहा के व्यक्तिगत जीवन का नहीं, बल्कि समाज में फैली हुई दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा की समस्या का भी है। हर साल, देश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी ही घटनाएं सामने आती हैं, जो दहेज के लिए हत्या और प्रताड़ना के गंभीर मामलों को उजागर करती हैं।
इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को भी उजागर किया है। घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है ताकि महिलाएं अपनी आवाज उठा सकें और सुरक्षित महसूस कर सकें।
स्नेहा की मौत ने फिर से एक बार यह सवाल उठाया है कि क्या हमारी सामाजिक व्यवस्था महिलाओं के प्रति सुरक्षित है? क्या परिवार की परवाह करने वाले इस प्रकार के जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएंगे? यह समय है कि हम सभी को जागरूक होना चाहिए और दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। सरकार और समाज दोनों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी और स्नेहा की हत्या न हो।
इस घटना से यह स्पष्ट है कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस या किसी अन्य संस्थान की सहायता लेनी चाहिए।