पर प्रकाश डाला गया
- गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात में हुआ था।
- गांधी जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये।
- गांधी जी ने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों का सदैव सम्मान किया।
डिजिटल डेस्क, रेस्तरां। गांधी जयंती 2024 उद्धरण और शुभकामनाएं: महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। इस दिन गांधी जयंती (गांधी जयंती) के रूप में मनाया जाता है। भारत में गांधी जयंती के अवसर पर स्कॉटलैंड, सॉसेज और अन्य उत्सवों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन प्रोग्राम में महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदार पर चर्चा की गई है। आप भी इन कार्यक्रमों का हिस्सा बनकर तालियां मांगना चाहते हैं, तो हम महात्मा गांधी पर हर कक्षा के बच्चों के लिए भाषण लेकर आए हैं। आप ये बोलकर महफ़िल लूट सकते हैं।
कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए…
महात्मा गाँधी पर प्रवचन – गाँधी जयंती भाशन
सभी दोस्तों और सहयोगियों को नमस्कार!
आज मैं आप सभी से महात्मा गांधी के बारे में कहना चाहता हूं। इनका नाम पुरा मोहनदास करमचंद गांधी था। उन्हें हम प्यार से “बापू” भी कहते हैं। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था।
बाबूलाल ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत बताए। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए। उनका मानना था कि बिना किसी परेशानी के किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के लिए संघर्ष किया। उन्होंने लोगों को एकजुट किया और ब्रिटिश राज के खिलाफ अहिंसा आंदोलन चलाया। “सत्याग्रह” उनका एक महत्वपूर्ण माध्यम था, जिसमें उन्होंने सत्य की शक्ति का उपयोग किया।
बाबूलाल ने हमेशा गरीबों और राजनेताओं के लिए आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि “आपको वह परिवर्तन करना चाहिए, जिसे आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”
महात्मा गांधी की प्रेरणा आज भी हम सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। हमें उनके सिद्धांतों को अपनाना चाहिए और अपने जीवन में सच्चाई और प्रेम का पालन करना चाहिए।
धन्यवाद!
कक्षा 6वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए…
महात्मा गाँधी पर प्रवचन – गांधी जयंती भाषण
सभी मान्यवर और प्रिय सहपाठियाँ,
नमस्कार! आज मैं आप सभी के सामने महात्मा गांधी पर कुछ शब्द कहना चाहता हूं। महात्मा गांधी, वास्तविक नाम मोहनदास करमचंदगांधी थे, स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ।
गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों के अनुरूप बताया और यही उनकी पहचान बनी। उन्होंने अपने जीवन में यह सिद्ध किया कि सत्य की शक्ति और अहिंसा से किसी भी बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उनके “सत्याग्रह” आंदोलन ने हमें सिखाया है कि हमें हमेशा सही और सात्विक मार्ग पर चलना चाहिए, केवल बाकी कितने भी बड़े हों।
महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसा विरोध का मार्ग चुना और लोगों को एकजुट किया। उनका विचार था कि हमें अपना अधिकार तो देना चाहिए, लेकिन हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए। उन्होंने “नमक शास्त्र” और “भारत छोड़ो आंदोलन” जैसे कई बड़े आंदोलन चलाए, जो भारतीय जनता को सलाह देने में सहायक बने।
गांधी जी ने समाज में व्याप्त भेदभाव और जातिवाद के खिलाफ भी आवाज उठाई। उन्होंने “हरिजन” शब्द का इस्तेमाल किया और समाज के अंतिम व्यक्ति के उद्वेलन के लिए काम किया। उनका मानना था कि “तुम्हें वह परिवर्तन करना चाहिए, जिसे आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”
गांधी जी के विचार और सिद्धांत आज भी हमारे लिए उपलब्ध हैं। हमें उनके द्वारा निर्देशित मार्ग का पता लगाना चाहिए, ताकि हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकें। हमें सत्य, अहिंसा और प्रेम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
अंत में, मैं यही कहता हूं कि महात्मा गांधी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्चाई और मानवता की सेवा सबसे महत्वपूर्ण है। हमें उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
धन्यवाद!
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