पर प्रकाश डाला गया
- शहर के उद्यान बार रहे हरभरे, जिले के निर्देश में इसी खाद से बढ़ती रही निर्माण।
- फर्टिलाइजर कंपनी को भी कोचिंग जोन में पढ़ाया जा रहा है
- शहर से 30 से 40 प्रतिशत कचरा इन प्लांटों में खप जा रहा है।
बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पूरे देश में एक साथ स्वच्छता का अलख जगाया और स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। अब इसके दस साल बाद यह ड्राईव मूर्ति रूप में अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है।
बिलासपुर में भी इस अलख का असर है, दस साल पहले के शहर और शहर में बहुत अंतर आ गया है। अब शहर साफ, स्वच्छ और सुंदर नजर आता है, अब इस स्वतंत्रता को निषेध बनाए रखने के लिए जमीनी स्तर पर चल रहा है। जिसका जीवंत उदाहरण नगर निगम के ग्राम खार स्थित स्टिकिंग जोन में देखने को मिल रहा है।
जहां हर दिन शहर से 220 टन कचरा की आपूर्ति की जा रही है, ऐसे में इन कचरे की एक इकाई से खाद बनाने का निर्णय लिया गया, इसलिए इसका सही उपयोग हो सके और कार्य का ठेका दिया गया। अब चार साल बाद प्लास्टिक जोन में हर दिन 20 टन खाद बन रही है, जो कचरे से खाद बनाकर पूरे प्रदेश में अग्रणी स्थान पर आ रही है। जो शहर के उद्यानों को हरा-भरा बनाया जा रहा है, साथ ही स्थानीय वैज्ञानिक जैसे खाद्य पदार्थों का उपयोग कर अपनी फसल का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।
जिस कारण से यह खाद भी बनाने में कड़ी मेहनत की जा रही है, क्योंकि इसे बनाने में छह माह का समय लगता है, इस खाद को बनाने में कड़ी मेहनत की जा रही है, इसी कारण से यह श्रेष्ठ श्रेणी का बन रहा है। साफ है कि मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को पूरी तरह से साकार किया जा रहा है, इसका लाभ सभी को मिल रहा है और शहर भी साफ, स्वच्छ और सुंदर हो रहा है।
अर्थशास्त्र के बाद पावर प्लांट पहुंच रहा कचरा
सरकार का ही निर्देश है कि कचरा क्रिस्टल के क्षेत्र में संचालित होने वाले पावर प्लांट का भी सहयोग लिया जाए, इसके तहत सरकार ने नियम बनाए हैं कि पावर प्लांट में 90 प्रतिशत कोयले के साथ ही 10 प्रतिशत का अनुसंधान किया जाए। , इसमे प्लास्टिक के साथ अन्य कचरा भी शामिल है, ऐसे में इस क्षेत्र में पावर प्लांट में प्रतिदिन शहर से 30 से 40 प्रतिशत कचरा इन प्लांटों में खप जा रहा है, एक तरह से कठपुतली का सही मंत्र हो रहा है और ऊर्जा भी बन गई है रह रहा है.
फर्टिलाइजर कंपनी को मिल रही खाद
खादर की कंपनी में बनने वाले खाद के लिए दो फर्टिलाइजर से अनुबंध किया गया है, जो खाद की व्यवस्था करता है। इनमें क्रिफको खाद कंपनी और एनएफएल (नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड) के प्रमुख हैं, जो इन खाद की दुकान कर रहे हैं, इन दोनों फर्मों के पास बड़ी मात्रा में कचरा से खाद पहुंच रही है और स्वच्छ भारत अभियान को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
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शहर से प्रतिदिन 220 टन कूड़ा-कचरे का उपयोग किया जाता है, उदाहरण के तौर पर 20 टन कूड़ा-कचरे से प्रतिदिन 20 टन कूड़ा-करकट तैयार किया जा रहा है। इसका उपयोग शहर के उद्यानों में किया जा रहा है, स्थानीय किसानों द्वारा भी इसका उपयोग किया जा रहा है और इसकी बड़ी मात्रा में भंडारण निगमों द्वारा भी किया जा रहा है।
अनुपम तिवारी, प्रभारी, कछार एसोसिएटिंग जोन