चितफंड कंपनी धोखे से पीड़ित 1.14 लाख मिस्त्री का अब भी करोड़ों लोगों से मिलने का इंतजार है

एक लाख पर केवल एक हजार रुपये ही दिए गए

चितफंड में धोखाधड़ी का शिकार बने लोगों को शेयरधारकों की रकम मिलने का वादा किया गया था। इसके लिए कानून भी बनाया गया। जिन सहयोगियों से वे कर यह रुपये वापस लेने थे, उनकी संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया में धीमी गति से होने से रुपये का वितरण सही तरीके से नहीं हो सका। इतिहासकारों की राय तो कुछ लोगों को शासन ने 1 लाख रुपये पर एक हजार रुपये लौटाए हैं। आगे प्रॉपर्टी कुर्की से मिलने वाली नकदी का वितरण करने की आजादी दे रहे हैं।

जिले में चिटफंड के लिए आवेदन प्राप्त करें

बिलासपुर शहर में आवेदन- 39,051, बिलासपुर शहर में आवेदन- 123 करोड़ प्रति किलो – 19,267, वोटों की गिनती – 32 करोड़ रुपये

क्या कहते हैं स्मारक का

-बिलासपुर सरकंडा निवासी राम खिलावन गौराहा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2009 में चिड़फंड में रुपये डुगने के झांसे में चार लाख रुपये का निवेश किया था। अब तक शासन की ओर से लगभग एक हजार रुपये ही मिले हैं। शेष बकाया समय, यह शासन स्पष्ट नहीं हो रहा है।

-रतनपुर सेमरा निवासी भास्कर साहू ने बताया कि उन्होंने चिडफंड कप कंपनी पीएसएनएल, बीएन गोल्ड और अन्य कंपनियों में करीब 10 लाख का निवेश किया है। उन्हें अब तक रुपये नहीं मिले हैं। वर्ष 2008-09 में इनवेस्टमेंट नोट अब वापस ले कर स्पष्ट उत्तर नहीं दे रही है।

– मल्हार निवासी रामकुमार कैवर्त ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2009 व 2011 में चितफंड में निवेश किया था। कंपनी ने उन्हें छह साल में दो बार और नौ साल में तीन साल में वापसी का शौक़ीन होकर नौ लाख रुपये का इनवेस्ट वेयरहाउस दिया था। लाखों लोगों से मिलने की उम्मीद है कि वह अब भी सरकारी पर्यटकों के चक्कर में पड़ गए हैं।

-गतौरा निवासी अशोक कुमार चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने पांच लाख रुपये का निवेश किया था। शासन ने बीएन गोल्ड कंपनी की संपत्ति कुर्की की थी, लेकिन उन कुर्की से प्राप्त नकदी को राजनंदगांव और अन्य आभूषणों में बाँट दिया गया। बिलासपुर जिले के शतरंज को नकद वापसी का लाभ नहीं मिला।

18 को रैली व 22 को जेल भरो आंदोलन

चितफंड कंपनी में बदमाशों का शिकार करने वालों का कहना है कि वह जांजगीर में 18 सितंबर को रैली का आयोजन करने वाले हैं। उनकी रैली के बाद भी सरकार ने मांग को नहीं माना तो 22 सितंबर को जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करेंगे।

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चितफंड कंपनी की हैसियत में धोखाधड़ी कर शेयर किए गए डायरेक्टर्स की संपत्ति का अधिग्रहण एक साथ करना और कुर्की करने की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वर्ष 2020

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