जोधपुर, 24 अगस्त। बहुचर्चित भंवरी देवी सादिर व हत्या मामले में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा समेत छह अन्य को कोर्ट ने जमानत देने का आदेश दिया है। राजस्थान उच्च न्यायालय में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा समेत अन्य न्यायाधीशों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई थी, लेकिन उनके उच्च न्यायालय से आज ही इस मामले की सुनवाई का आग्रह किया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की ओर से सचिव जगमाल चौधरी और प्रदीप चौधरी ने पक्ष रखते हुए कहा कि पिछले करीब 9 साल से अधिक समय से महिपाल मदेरणा जेल में बंद हैं और उनका स्वास्थ्य भी काफी खराब है। ऐसे में उन्हें ज़मानत का लाभ दिया जाना चाहिए। वहीं अन्य याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने भी लंबे समय तक जेल में बंद रहने की बात कही।
उच्च न्यायालय में न्यायाधीश दिनेश फेथ ने चारों की जमानत याचिकाएं स्वीकार कर लीं और इस तरह पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा, भंवरी देवी के पति अमरचंद, शहाबुद्दीन, बलदेव, कैलाश और विशनाराम को जमानत मिल गई। लेकिन इस मामले की मास्टरमाइंड मनी जानेवाली इंदिरा विश्नोई को जमानत नहीं मिल पाई। इस मामले में महिपाल मदेरणा को मुख्य नगरपालिका बनाया गया था, जिन पर भंवरी देवी के पति व हत्या की साजिश रचने का आरोप है। वहीं कैलाश जाखड़, शहाबुद्दीन और कुंभाराम पर भी हत्या कर हत्या करने का आरोप है। उनके पति अमरचंद पर सत्यम हत्याकांड की साजिश का आरोप शामिल है। जबकि ऑर्गेनिक विश्नाराम पर शव को जला कर राख रखने का आरोप राजीव गांधी लिफ्ट नहर में रखा गया है। इससे पहले मामले में सह बुनियादी ढांचा और प्रयोगशाला कांग्रेस सरकार में लूणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक मलखान सिंह विश्नोई सहित उनके भाई परसराम विश्नोई सहित कई अन्य लोगों को भी जमानत मिल गई है। ये सभी भंवरी देवी के सत्य और उनकी हत्या की साजिश रचने या इसमें शामिल होने के मूलमंत्र हैं।