जानकारी के अनुसार इस कंप्यूटर में 15 साल का रिकॉर्ड था। अब ये कोई षडयंत्र है या फिर असल में चोरी की घटना है, ये तो जांच का विषय है। हालाँकि इसकी याचिका सरकंडा पुलिस से की गयी है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए टीम से पूछताछ की है। कंप्यूटर मैनिटर, कीबोर्ड, माउस के साथ का बोर्ड गायब हो गया है। खास बात यह है कि अन्य नी को हाथ तक नहीं लगाया जा सकता। ऐसे में इस बात का खतरा है कि जिम्मेदार ही बड़ी गड़बड़ी है।
सीएमचो फ्लोरिडा फ्लोरिडा के पास, की याचिका
जब इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एसपी रजनीश सिंह से मुलाकात की और बताया कि लगातार कंप्यूटर चोरी की घटना हो रही है। इसमें महत्वपूर्ण आंकड़े थे। बदमाशों के नहीं होने से रिकार्ड भी खत्म हो रहे हैं, ऐसे में मामले की जांच की जा सकती है और अवशेष पकड़े जा सकते हैं।
हर माह लाखों का धन आता है
मलेरिया मिश्रण के लिए शासन स्तर पर बड़ा योगदान है। हर महीने होता है लाखों करोड़ों का खर्च। दवा बाटे जाते हैं, इलाज की व्यवस्था की जाती है, दवाओं के लिए पैसे की आवश्यकता होती है। वहीं मच्छरदानी बांटे जाते हैं, इस तरह के कई काम होते हैं, ताकि मलेरिया को खत्म किया जा सके, लेकिन मलेरिया विभाग की बातें कभी सार्वजनिक नहीं होती हैं, सिर्फ बैक्टीरिया में यह काम होता हुआ नजर आता है। इसके बाद भी मलेरियल के मामलों में कमी नहीं आ रही है।
गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं
मलेरिया विभाग हमेशा से दवा में बना हुआ है। इस विभाग में कई बार गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। केस भी चलता है, लेकिन कभी-कभी गड़बड़ी सामने नहीं आती। इस बार भी अंदेशा है कि किसी बड़ी गड़बड़ी को खत्म करने के लिए चोरी हो जाने की कुत्सित रचना रची गई है, ताकि सभी सबूत नष्ट हो जाएं।
कुष्ठ अर्थशास्त्र का ऑडिटोखा भी गया
मलेरिया विभाग की जो कंप्यूटर चोरी हुई है, उसमें मलेरिया विभाग के साथ ही कुष्ठ रोग संबंधी सभी आंकड़े थे। इसके अलावा हाथी और बीमार बीमारी के आंकड़े और इसके उपचार के लिए सूचीबद्ध श्रमिकों का समूह भी था। बाक्स 30 अगस्त को टी.बी. से संबंधित डेटा चोरी हुई आंकड़े 30 अगस्त को भी कंप्यूटर की चोरी हुई थी। यह कंप्यूटर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गायत्री बांधी के कक्ष में रखा गया था। इसके ऑपरेशन स्टाफ आशीष सिंह थे। टी.बी.ए. कार्यक्रम और संचालित योजनाओं के साथ खर्च की जाने वाली राशि का लेखा-जोखा था। चोरी के संबंध में बताया गया कि चोर बी चाबी लेकर आया था और स्टूडियो रूम में चोरा और कंप्यूटर, कोचिंग और अन्य सामान लेकर चला गया था। यह मामला भी संदेह के घेरे में है।
इस विभाग में कोई भी जानकारी आसानी से उपलब्ध नहीं है
मलेरिया विभाग में आसानी से कोई भी जानकारी नहीं दी जाती है। परिभाषा के संबंध में जानकारी की उपलब्धता यहां संभव नहीं है। मलेरिया के कितने मरीज मिलते हैं, कितनों का इलाज किया जाता है, यह बताना भी आसान नहीं है। सीधे तौर पर कहा जाता है कि सीएम ने आपत्तिजनक आदेश दिया है, यहां की किसी भी जानकारी को नहीं दी जाएगी स्थिति इतनी खराब है कि लगातार मलेरियल और रिकॉर्ड के मरीज मिल रहे हैं, उनकी भी जानकारी सेव की गई है, जबकि जानकारी लीज से लोग वैज्ञानिक होते हैं और बीमारी के प्रति सावधान होते हैं।
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मलेरिया विभाग की कंप्यूटर चोरी हो गई है। बताया गया है कि इस मामले की शिकायत पुलिस से संबंधित सभी प्रकार के डेटा से की गई है। प्रभातप्रभा, सीएमबेश