जोधपुर, 1 सितम्बर। राजस्थान की राजनीति में रोबोटिक भूचाल वाली भंवरी देवी का निधन पूरे 10 साल में हो गया। 1 सितंबर 2011 को भंवरी के पति अमरचंद ने अपने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद से लेकर आज तक इस मामले में कई खुलासे हो चुके हैं। उनकी हत्या को अभी तक सजा नहीं मिली है, लेकिन इस साजिश से जुड़े सभी लोगों का खुलासा हो चुका है। इसके बावजूद भंवरी देवी की आत्मा को शांति नहीं मिली, क्योंकि राक्षसी देवी की अस्थियों को अभी तक स्वीकृत दाह संस्कार के साथ गंगा विसर्जन नहीं किया गया है।
आज से ठीक दस साल पहले, 1 सितंबर 2011 को भंवरी के पति अमरचंद ने अपना गुमशुदागी दर्ज कराया था। भंवरी का कई दिन तक पता ही नहीं चला। बाद में केस की जांच की गई। अस्थियों ने अपनी जांच में कहा कि भंवरी को मार कर जला दिया गया था और उसकी अस्थियों को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया था। नहर ने इन अस्थियों को एकजुट किया और भंवरी के बच्चों से इसके डीएनए का मिलान हुआ जिसके बाद इस बात की पुष्टि भी हो गई। तब से भौंरी की अस्थियां की कस्टडी में राख हुई है।
इस मामले में अर्थशास्त्री का कहना है कि भंवरी के अवशेषों की ओर से कभी भी इन अस्थियों का आग्रह नहीं किया गया। भंवरी के पति अमरचंद भी दस साल जेल में बंद थे। कुछ दिन पहले ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया है। वहीं भंवरी के तीन बच्चों ने भी कभी इस केस में पहल नहीं की। कुम्भराधि की अस्थियों को प्राप्त करने के लिए अवशेषों को अदालत में आवेदन करना होगा। अदालत से अनुमति मिलने के बाद ही भंवरी के अवशेषों को उसकी अस्थियां सौंपी जा सकती हैं।
2011 में मामला दर्ज हुआ था
भंवरी देवी के पति अमरचंद की ओर से 1 सितंबर 2011 को बिलाड़ा थाने में उनकी पत्नी भंवरी देवी के लापता होने की रिपोर्ट दी गई थी। अविश्वास के खतरे को खारिज करते हुए कांग्रेस सरकार में जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा सहित 23 अन्य लोगों को शक जाहिर किया गया था। बाद में केस की वैज्ञानिकता को दोबारा जांचा गया। सीबीआई ने 3 दिसंबर 2011 को महिपाल मदेरणा से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कांग्रेस नेता मलखान सिंह सहित 15 अन्य गिरफ़्तारियाँ भी गायब हैं।
कंसल्टेंसी में यह भी बात सामने आई कि भंवरी देवी के पति अमरचंद की पूरी घटना और साजिश की साजिश रची गई थी, इसके बावजूद वह अन्नया बन रही थीं। दशहरा ने उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। वहीं लूणी विधायक मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा विश्नोई को पूरे मामले की मास्टरमाइंड माना जाता है, जो अभी भी जेल में बंद है। इस मामले में उसके अलावा अन्य दस्तावेजों को भी ज़मानत मिल गई है। वहीं इंद्रा विश्नोई की जमानत याचिका 14 सितंबर को सुनवाई है।