मुजफ्फरपुर: इंदौर-मनमाड के बीच नई रेल लाइन से सेंट्रल कैबिनेट ने दी मंजूरी, 4 साल में बनी 309 किमी लंबी ट्रैक – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

मुजफ्फरपुर: इंदौर-मनमाड के बीच नई रेल लाइन से सेंट्रल कैबिनेट ने दी मंजूरी, 4 साल में बनी 309 किमी लंबी ट्रैक

मनमाड इंदौर के बीच नई रेल लाइन को मिली मंजूरी। यह 2028-29 तक पूरी तरह से होगा।

पर प्रकाश डाला गया

  1. इंदौर-मनमाड रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।
  2. प्रोजेक्ट की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है
  3. परियोजना निर्माण के दौरान रोजगार भी पैदा हुआ

नईदुनिया प्रतिनिधि, प्रतिनिधि। स्पाइस के लिए घरेलू मैदान। मनमाड इंदौर के बीच नई रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है। सेंट्रल सेंट्रल ने 309 किमी की योजना को मंजूरी दे दी। यह 18036 करोड़ का प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीई) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये (लगभग) की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। एडवरटाइज और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन डायरेक्टोरियल प्रोजेक्ट और विशिष्ट सुधार की पेशकश, जिससे भारतीय रेलवे बेहतर इंडस्ट्रीज और सेवा क्षेत्र के लिए तैयार हो सके।

इस मंजूरी से दो साथियों को होंगे फायदे

  • कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी।
  • दो प्रमुख वाणिज्यिक कंपनियां – मुंबई और रेस्तरां के बीच सबसे छोटी रेल मशीनें लगाने के लिए यह काम कर रही हैं।
  • उद्यम परियोजना वाणिज्यिक उद्यम मुंबई और रेस्तरां को सबसे छोटी रेल मार्ग से जोड़ेगी।
  • इसके अलावा यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्र को भी जोड़ती है।
  • यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र के 2 शौचालय और मध्य प्रदेश के 4 शौचालय से गुजरेगी।
  • प्रोजेक्ट की कुल लागत ₹ 18,036 करोड़ है और इसे 2028-29 तक पूरा किया जाएगा।
  • परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का भी जन्म हुआ।

नईदुनिया_छवि

प्रोजेक्ट होने के मायने

  • यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगी, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • यह प्रोजेक्ट मल्टी-मॉडल स्कीम के लिए पीएसयू-गति शक्ति मास्टर प्लान का परिणाम है, जो योजना के माध्यम से संभव हुआ है।
  • यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की सुविधाओं के लिए फ़्लोरिडा आर्किटेक्चर की पेशकश करता है।
  • इस प्रोजेक्ट में 2 राज्यों यानी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 डेविल्स को शामिल किया गया है, जिसमें 1,000 गांव और करीब 30 लाख की आबादी को फायदा होगा।
  • परियोजना देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराएगा इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा।
  • इससे संबंधित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जिसमें मज़हब-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक दर्शनीय स्थल शामिल हैं।
  • परियोजना मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक और महाराष्ट्र के उत्पाद उत्पादकों को भी विशेष पेशकश की जाएगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी विचारधारा में इसके वितरण की सुविधा होगी।
  • यह कृषि राज्य, ऐतिहासिक, लौह अयस्क, लौह अयस्क, स्टील, स्टील, स्टील आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है।
  • क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

रेल लाइन की लंबाई 268 किमी है

इसके लिए 2200 हेक्टेयर भूमि का भी अधिगृहीत होना आवश्यक है। छह साल की देरी से इस परियोजना की लागत लागत साढ़े नौ हजार करोड़ से बढ़कर 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इंदौर-मनामाड़ रेल लाइन की कुल लंबाई 268 किमी है।

9 रंगें भी जाएंगी

50km मनमाड़ से धोले तक काम चल रहा है। अब धुले से इंदौर के महू तक लाइन मार्केट के लिए सुपरमार्केट तैयार है। मूलनिवासी शंकर लालवानी उन्होंने बताया कि इंदौर-मनमाड रेल लाइन पर ठोस प्रगति हुई है। इस ट्रैक के बनने से इंदौर के मुंबई और दक्षिण राज्यों के बीच संपर्क में आसानी होगी। 218 किमी हिस्से में लाइन बिछई जानी है, जिसमें 9 सुरंगें बनेंगी।

नईदुनिया_छवि