नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा: पखवाड़ा भर पहले टीपी नगर स्थित लांबा इंटरप्राइजेज में हुई चोरी के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। रातों रात अमीर बनने का इरादा से इंस्टीट्यूट में काम करने वाला ड्रायवर ही केस को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड निकला है। पुलिस ने चार पहलवानों सहित दल को गिरफ्तार कर लिया है।
17 अगस्त को बिजनेस आकाश लांबा के पिता विक्रम लांबा ने अपने संस्थान लांबा इंटरनैशनल टायर शॉप में 14,000 रुपये की चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज की थी। मामले की जांच करते हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरबा यूबीएस चौहान के साथ नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा श्याम एक्का को अपराधियों का पतासाजी करने के लिए कहा था। केस में साइबर प्रभारी, सीएसईबी के उपनिरीक्षक लक्ष्मण प्रसाद खूंटे एवं सेल प्रभारी सहायक, उपनिरीक्षक अजय सोनवानी द्वारा उनके सहयोगी स्टाफ के सहयोग से, सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच शुरू की गई।
आधार पर संतोष कुमार सहिस उम्र 28 वर्ष रेजिडेंट रानी रोड धनवारा, विशाल कुमार सागर नीक किंग उम्र 23 वर्ष, दीपक जांगड़े उम्र 21 वर्ष और अमित बंजारे उम्र 20 वर्ष से संदेह के आधार पर पूछताछ शुरू हुई। इस दौरान मुख्य आरोपी संतोष कुमार साहिस ने बताया कि वह पिछले चार साल से लांबा इंटरप्राइजेज टीपी नगर कोरबा में ड्राइवर का काम कर रहे थे। दुकान के मालिक को उसने रोजाना रात में मोटी रकम खरीदी थी। अमीर बनने की लालच में उसने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर कुल मिलाकर 16,000 की हिस्सेदारी स्वीकार की। चोरी के नोट को शेयर में बाँट कर वर्तमान में खर्च बताया गया। मामले में साओथ को गिरफ़्तार करने के लिए जन्मभूमि कोर्ट में पेश किया गया है। जेल वारंट पर बने चेरों को जिला जेल कोरबा में पदस्थापित किया गया है।
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